यह है कथा पौराणिक कथा के अनुसार, भीम को छोड़कर सभी पांडव भाई और द्रौपदी पूरे वर्ष एकादशी का व्रत रखते थे। भीमसेन अपनी भूख को नियंत्रित न कर पाने के कारण इसको नहीं कर पाते थे। अपने खाने-पीने के शौक से लाचार भीमसेन यह महसूस करते थे कि एकादशी का व्रत न करके वह भगवान विष्णु का अनादर कर रहे हैं। इस स्थिति से उबरने के लिए भीम ने महर्षि व्यास को अपनी समस्या बताई। इसके बाद महर्षि व्यास ने भीम को साल में एक बार निर्जला एकादशी व्रत करने का महत्व समझाया और कहा कि निर्जला एकादशी का एक व्रत साल की 24 एकादशियों के समान है। इस पर भीम ने निर्जला एकादशी का व्रत करना प्रारंभ किया। इसी कारण इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी और पांडव एकादशी भी कहा जाता है।
मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए करें ये उपाय 1. ज्योतिषाचार्य प्रोफेसर राघवेंद्र स्वामी का कहना है कि इस दिन प्रातः काल स्नान करने के बाद पीले वस्त्र पहनकर भगवान विष्णु के मंदिर में जाएं। वहां भगवान को पीले पुष्प अर्पित करें और पीले रंग की किसी मिठाई का भोग लगाएं। ऐसी मान्यता है कि पीला रंग भगवान विष्णु को अत्यधिक प्रिय है। पूरे दिन व्रत को सादगी के साथ करें। इसके अगले दिन द्वादशी को ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा से संतुष्ट कर अपने व्रत को खोलें। निश्चित रूप से भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की कृपा आपके पूरे परिवार के ऊपर बनी रहेगी।
2. यदि आप किसी कर्ज के भारी बोझ से दबे हुए हैं और उससे बाहर निकलना चाहते हैं तो निर्जला एकादशी वाले दिन पानी से भरे हुए लोटे में रोली, जौ व तिल डालें। फिर उसे पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ा आएं। पौराणिक मान्यता के अनुसार पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है। इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और मां लक्ष्मी की कृपा से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
3. निर्जला एकादशी वाले दिन सायंकाल तुलसी के पौधे के सामने गाय के घी का दीपक जलाएं। साथ ही तुलसी की आरती करें। उसके बाद ॐ कलीम कृष्णाय नमः मंत्र का 108 बार जप करके 11 बार तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें। इससे घर में सुख-समृद्धि और धन धान्य की वृद्धि होगी।
4. भगवान विष्णु के मंदिर में जाकर पूरी श्रद्धा के साथ श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से भी सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा आपके घर से बाहर चली जाएगी। 5. पूरे विधान के साथ व्रत करने के साथ-साथ इस दिन किसी भी मंदिर में जाकर जल एवं घड़े का दान करने से भी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
6. गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस के अरण्य कांड का पाठ करने से भगवान विष्णु आपके कार्यों में आने वाली सभी प्रकार की बाधाओं को हर लेंगे और मनोवांछित सफलता प्राप्त होगी।
बिल्कुल भी ना करें ये काम 1. एकादशी वाले दिन चावल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि चावल खाने से मन चंचल होता है और भगवान से विमुख होता है। 2. मदिरापान, धूम्रपान, तंबाकू एवं जर्दे का उपयोग इस पवित्र दिन करने से निश्चित रूप से हानि होगी।
3. शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, एकादशी की रात को सोना नहीं चाहिए बल्कि भगवान विष्णु के समक्ष बैठकर भजन एवं कीर्तन करना चाहिए। अगर पूरी रात जागना संभव ना हो तो मध्य रात्रि तक तो अवश्य ही भगवान का भजन करें।
4. इस दिन किसी की भी निंदा ना करें क्योंकि ऐसा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आते हैं। इससे भगवान विष्णु की कृपा नहीं बन पाती। 5. व्रत हमें जीवन में संयम को धारण करना सिखाते हैं इसीलिए किसी की भी चुगली ना करें। ऐसा करने से आपके ही मान सम्मान में कमी आ सकती है।