यह थी पुलिस की एनकाउंटर वाली कहानी
पुलिस के मुताबिक ननोता थाना प्रभारी वाहन चेकिंग कर रहे थे और इसी दौरान देवबंद फाटक के पास बाइक से आ रहे दो युवकों को पुलिस ने रुकने का इशारा किया तो इन युवकों ने पुलिस पार्टी पर हमला करते हुए अपनी बाइक को शहर की ओर दौड़ा दिया। इसकी सूचना ननोता थाना प्रभारी द्वारा तुरंत वायरलेस पर दी गई और शहरी क्षेत्र में घेराबंदी कर ली गई। पुलिस के मुताबिक जब हसनपुर चौकी पर शमशाद को रोकने की कोशिश की गई तो इन्होंने बाइक को सर्किट हाउस की ओर दौड़ा लिया। आगे चलकर आईटीसी फैक्ट्री के पास से दोनों ने बाइक खलासी लाइन की ओर मोड़ दी। ननोता और रामपुर मनिहारान पुलिस इनका पीछा कर रही थी। दूसरी ओर से स्वात पुलिस की टीम और कोतवाली सदर बाजार पुलिस की टीम ने शहर के अंदर से घेराबंदी कर ली। इसके बाद छोटी लाइन पर पुलिस और शमशाद का आमना-सामना हो गया। इस दौरान कोतवाली सदर बाजार पुलिस और स्वात टीम ने शमशाद को घेर लिया।
पुलिस के अनुसार खुद को घिरता हुआ देख एक बार फिर से शमशाद ने गोली चला दी। इस पर पुलिस की ओर से भी फायरिंग की गई। इस दौरान करीब 19राउंड गोलियां चली और गोली लगने से शमशाद घायल होकर बाइक से नीचे गिर गया। जबकि इसका साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गया। घायल शमशाद को आनन-फानन में पुलिस जिला अस्पताल लेकर पहुंची, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। अब इसी एनकाउंटर की जांच के लिए मानव अधिकार आयोग की टीम सहारनपुर पहुंची है। बता दें कि पिछले दिनों यूपी पुलिस ने जो एनकाउंटर किए हैं। उनमें से कई एनकाउंटर पर सवाल खड़े हुए थे। एनकाउंटर में मारे गए लोगों के परिजनों ने मानव अधिकार आयोग से जांच कराए जाने की मांग की थी। इन एनकाउंटर में सहारनपुर के शमशाद का एनकाउंटर भी शामिल है। इसे आधार पर अब इसकी जांच के लिए मानव अधिकार आयोग की टीम सहारनपुर पहुंची है। सहारनपुर एसएसपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने मानव अधिकार आयोग की टीम के सहारनपुर पहुंचने की पुष्टि की है।