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महिलाएं भी ना देखें एक दूसरे का बदन
उलेमाओं ने अपनी राय देते हुए यह भी कहा है कि जब केवल महिला वाला जिम है तो वहां भी पर्दा जरूरी है। अगर एक महिला दूसरी महिला के बदन को देखती है तो यह भी इस्लाम विरोधी है। यानि एक जिम में अगर एक से ज्यादा महिलाएं जिम कर रही हैं तो उनके बीच भी पर्दा होना चाहिए। जिम करते समय उनके बदन पर पूरे कपड़े होने चाहिए उलेमाओं ने यह भी कहा है कि जिम बुर्के में करें तो ज्यादा बेहतर है।
वर्कआउट के दौरान म्यूजिक भी नहीं होना चाहिए
मुस्लिम उलेमाओं ने अपनी राय देते हुए यह भी कहा है कि जब मुस्लिम महिलाएं जिम कर रही हैं तो उस दौरान म्यूजिक नहीं होना चाहिए अगर किसी जिम कैंपस में म्यूजिक के दौरान जिम कराया जा रहा है तो ऐसे माहौल से उन्हें परहेज करना चाहिए या फिर म्यूजिक को बंद करा देना चाहिए।
ये बोले मुस्लिम उलेमा
औरते जो जिम जाती हैं अपने जिस्म को फिट रखने के लिए तो इस्लाम के अंदर इसकी गुंजाइश हो सकती है, अगर शरियाई पाया जाए यानि के जिस कैम्पस में वह जिम करने जा रहे हैं। वहां किसी भी तरह इस्लाम के खिलाफ कोई मामला ना होता हो और ना ही कोई ऐसा मसला हो। गाना बजाना ना हो और बाकायदा पर्दे का माकूल नज्म हो। किसी भी तरीके से औरते जो वहां जिम कर रही हैं एक दूसरे की सतर यानि जिस्म को ना देखें, उनका जिस्म बाहम एक दूसरे के सामने भी खुला हुआ ना हो। यह सारी चीजें अगर हैं तो जिम में जाना और अपने बदन को फिट रखने के लिए फिटनेस क्लब जाना मेरे हिसाब से बिलकुल दुरुस्त होना चाहिए। यह कहना है मुफ्ती मेहंदी हसन एनी का।
इनके अलावा मदरसा हुसैनिया के मुफ्ती तारिक अहमद ने भी मुस्लिम महिलाओं को जिम करने की अनुमति इस्लाम में होने की बात कही है। उन्होंने यह तकरीर दी है कि जब महिलाएं जिम कर रही हैं तो पर्दा बदस्तूर होना चाहिए और जिस कैंपस में वह जिम कर रही हैं वहां गाना बजाना नहीं होना चाहिए और वहां इस्लामिक विरोधी कोई गतिविधि भी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि मुस्लिम महिलाओं को ऐसी वर्जिस से बचना चाहिए जो महिलाओं के बदन के लिए नुकसानदायक हो।