सहारनपुर में पानी में डूबे रेलवे के अंडर पास, जान जाेखिम में डालकर पार कर रहे ग्रामीण, देखें वीडियाे अपने बयान में उन्हाेंने कहा है कि तीन तलाक बिल जबरन थोपा गया है। जिस समाज के लिए यह कानून बनाया गया उनके उलमा और रहनुमाओं से मशवरा तक नहीं किया गया। उन्हाेने कहा है कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं का हिमायती नहीं बल्कि उनके खिलाफ है। इससे मुस्लिम ख्वातीन के साथ इंसाफ नहीं हाेगा बल्कि उल्टे नाइंसाफी होगी। बाेले कि अगर यह कानून बन गया तो मर्द के जेल जाने की सजा अमली तौर पर औरत और बच्चों को भुगतनी पड़ेगी।
आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को पुलिस ने किया रिहा उन्हाेंने यह तक कह दिया कि, सरकार हठधर्मिता का रवैया अपना रही है और इंसाफ को ताकत के जरिये रौंदने पर आमादा है। मदनी बोले कि इस कानून के जरिये मुसलमानों पर यूनिफार्म सिविल कोड थोपने की कोशिश की जा रही है, जो मुसलमानों की मजहबी आजादी के खिलाफ है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि मुसलमान घरेलू झगड़ों के निपटारे के लिए केवल शरई अदालतों का रास्ता इख्तिायर करें और सरकारी अदालतों और मुकदमों से पूरी तरह दूर रहें।