यह भी पढ़ें- ससुर की शिकायत करना महिला को पड़ा भारी, पति ने फोन पर ही दे दिया तीन तलाक मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि मुसलमानों में दो तबके हैं एक वह जिसने अपनी जिंदगी को इस्लाम के मुताबिक बनाया है। वहीं दूसरा तबका वह है जो इससे अलग चल रहा है, शराब पीता है और वह काम करता है, जो इस्लाम में नाजायज है। यह मसला भी ऐसा ही है। आप एक नहीं, 50 कानून बना लें, लेकिन जो मुसलमान हैं वे समझते हैं कि तलाक हो गया और अब हमारी बच्ची के साथ तलाक देने वाले शौहर के साथ रहेगी तो उसका रहना नाजायज होगा और उसकी औलाद भी नाजायज होगी। वह इस मसले से पीछे नहीं हटेंगे। मौलाना मदनी ने कहा कि हम तीन तलाक का समर्थन नहीं करते हम इसको बुरा मानते हैं और गुनाह समझते हैं, लेकिन इतना बड़ा गुनाह नहीं समझते कि उसकी बुनियाद को 3 साल की जेल में डाल दिया जाए और उसके बच्चों और उसकी बीवी को बेसहारा छोड़ दें, यह बेवकूफी की बात है।
यह भी पढ़ें- साध्वी प्राची ने जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी को देशद्रोही बताते हुए लगाए ये गंभीर आरोप, देखें वीडियो- उन्होंने कहा कि एक कानून आया है, जिसमें लड़कियों को विरासत नहीं मिलेगी, जबकि ये इस्लामी कानून के खिलाफ है। लड़कियों को भी हक मिलना चाहिए, लेकिन हमारे मुल्क का कानून बना हुआ है। अब यह हमारा काम है कि अगर हमारे दिल में खुदा का खौफ है तो लड़कियों को विरासत में हिस्सा दें और मुसलमान इस पर अमल भी कर रहा है। ऐसा ही मामला तलाक का भी है, जो चाहता है कि उसकी जिंदगी शरीयत के मुताबिक चले वह अपनी जिंदगी को चलाएगा जो नहीं चाहता अदालत में चला जाए।