जुमे की नमाज और महाभिषेक के लिए इस जिले में लगाया गया था फाेर्स, अब भारत बंद वाली चेतावनी से निपटने तैयारी
ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर को दुर्योधन ने महाभारत काल में बनाया था और उस समय जब दुर्योधन रात को सो गए थे तो भीम ने रात को उठकर इस मंदिर का मुंह घुमा दिया था। वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र आजम बताते हैं कि उस समय भीम ने इस मंदिर का मुंह पूर्व दिशा से घुमाकर पश्चिम-दक्षिण दिशा की ओर कर दिया था। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि बरसी गांव में और आस-पास के गांव में भी होलिका का दहन नहीं होता है। यहां के लोगों की यह मान्यता है कि होलिका दहन करने से जमीन गरम हाे जाएगी और देवों के देव महादेव आएंगे ताे गरम जमीन पर उनके पैर जलेंगे। यही कारण है कि बरसी गांव में और आस-पास के गांव में होलिका का दहन नहीं होता।भारत का एकमात्र मंदिर होने की है मान्यता
ऐसी मान्यता है कि सहारनपुर के बरसी गांव का मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है जिसकी दिशा पश्चिम-दक्षिण है। इस मंदिर में शीश नवाने के लिए श्रद्धालु देश भर से पहुंचते हैं और ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से यहां आता है उसकी मन्नत पूरी होती है।
यह भी मान्यता है किमहाभारत काल में युद्ध के दौरान भगवान श्री कृष्ण सहारनपुर के इस बरसी गांव में कुछ समय के लिए रुके थे। उस दौरान उन्होंने कहा था कि यह भूमि तो मुझे बृज के जैसी भूमि लग रही है। बताया जाता है कि तभी से इस गांव का नाम बरसी पड़ा और जब भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि यह भूमि मुझे बृज भूमि जैसी लगती है तो यहां रातो रात कौरवों ने मंदिर की स्थापना की थी। सुबह जब भीम उठे तो उन्होंने इस मंदिर का मुंह फिर भीम ने घुमाकर पश्चिम की ओर कर दिया था।