scriptMadarsa Survey : यूपी मदरसा बोर्ड से रजिस्टर्ड नहीं है देवबंद दारुल उलूम, सर्वे में बड़ा खुलासा | madarsa survey in Deoband Darul Uloom is not registered with UP Madarsa Board | Patrika News
सहारनपुर

Madarsa Survey : यूपी मदरसा बोर्ड से रजिस्टर्ड नहीं है देवबंद दारुल उलूम, सर्वे में बड़ा खुलासा

Madarsa Survey : यूपी के सहारनपुर में मदरसों के सर्वे के दौरान पता चला है कि देवबंद स्थित 156 साल पुराना मदरसा दारुल उलूम भी यूपी मदरसा बोर्ड से रजिस्टर्ड नहीं है।

सहारनपुरOct 22, 2022 / 01:48 pm

lokesh verma

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Madarsa Survey in UP : उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में मदरसों के सर्वे का कार्य तेजी से चल रहा है। इसी कड़ी में सहारनपुर में भी मदरसों का सर्वे जारी है। सर्वे में खुलासा हुआ है कि जिले में अभी तक 360 मदरसे यूपी मदरसा बोर्ड से रजिस्टर्ड नहीं हैं यानि सरकार से गैर सहायता प्राप्त हैं। खास बात ये है कि देवबंद स्थित 156 साल पुराना मदरसा दारुल उलूम भी यूपी मदरसा बोर्ड से रजिस्टर्ड नहीं है। ये सोसायटी एक्ट में पंजीकृत है।
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश सरकार के आदेश पर सभी जिलों में मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। सहारनपुर जिलाधिकारी अखिलेश सिंह भी जिलेभर में गैर सहायता प्राप्त मदरसों का सर्वे करा रहे हैं। तहसील स्तर पर टीम गठित कर 10 सितंबर से सहारनपुर में सर्वे कार्य किया जा रहा है। अभी तक के सर्वे में जहां सदर तहसील क्षेत्र में सबसे ज्यादा गैर सहायता प्राप्त मदरसे मिले हैं तो वहीं बेहट तहसील क्षेत्र में सबसे कम सहायता प्राप्त मदरसे मिले हैं। वर्तमान में सर्वे जारी है। बताया जा रहा है कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की संख्या बढ़ सकती है।
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इन बिंदुओं पर किया जा रहा सर्वे

सहारनपुर में अभी तक हुए सर्वे में करीब 360 मदरसे सरकार से गैर सहायता प्राप्त मिले हैं। सर्वे रिपोर्ट तैयार कर 15 नवंबर तक शासन को भेजी जाएगी। डीएम ने बताया कि सर्वे टीम निर्धारित प्रारूप के तहत रिपोर्ट तैयार कर रही हैं। इसमें पाठ्यक्रम, छात्रों की संख्या, स्थापना, संस्थापक, संचालन करने वाली संस्था, मदरसे को सरकारी मदद आदि विषय पर रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
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सर्वे को लेकर लोगों में कुछ भ्रम

डीएम अखिलेश सिंह ने बताया कि दारुल उलूम देवबंद भी सरकार से मदद नहीं लेता, ये सोसायटी एक्ट में पंजीकृत है। लेकिन, यह अवैध है, ऐसा नहीं कह सकते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वे को लेकर लोगों में कुछ भ्रम है। सरकार से मदद नहीं लेने वाले मदरसों को तब तक अवैध नहीं कह सकते हैं, जब तक यह पुष्टि न हो जाए कि उनको प्राप्त मदद का स्रोत उचित नहीं है।

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