scriptTMC सांसद नुसरत जहां के मामले में निजी राय को देवबंद का फतवा बताने वाले टीवी चैनलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे उलेमा | Islamic cleric decided to appeal in supreme court against tv channels | Patrika News
सहारनपुर

TMC सांसद नुसरत जहां के मामले में निजी राय को देवबंद का फतवा बताने वाले टीवी चैनलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे उलेमा

चैनलों ने प्रतिक्रिया को फतवा दिखाकर दारुल उलूम व उलेमा को किया बदनाम
उलेमा ने निजी बयान को दारुल उलूम का फतवा बताकर संस्था को बदनाम की साजिश बताया
पैसले के साफ ही चैनलों को नोटिस भिजवाने का मसौदा वकील से कराया तैयार

सहारनपुरJul 01, 2019 / 08:43 pm

Iftekhar

nusrat jahan

TMC सांसद नुसरत जहां के मामले में निजी राय को देवबंद का फतवा बताने वाले टीवी चैनलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे उलेमा

देवबंद. बात-बात में किसी मौलवी के बयान को फतवा बताकर उलेमा और इस्लाम को नीचा दिखाने वाली मीडिया के खिलाफ अब उलेमा लामबंद होते नजर आ रहे हैं। दरअसल, बंगाली फिल्म अदाकारा और टीएमसी की सांसद नुसरत के निखिल जैन से शादी करने का मामला इन दिनों मीडिया में छाया हुआ है। नुसरत जहां के सिंदूर व मंगलसूत्र पहनने के मामले में देवबंद के उलेमा के बयानों को कुछ टीवी चैनलों पर तोड़मरोड़ कर पेश करने और निजी बयान को दारुल उलूम का फतवा बताकर दिखाए जाने के खिलाफ सुप्राम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला लिया गया है।

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इस संबंध में सोमवार को खानकाह मोहल्ला स्थित मदरसा जामिया शेखुल हिंद में उलमा की बैठक हुई, जिसमें उनके बयानों को गलत तरीके से दिखाने के लिए चैनलों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का निर्णय लिया गया। जामिया शेखुल हिंद के मोहतमिम मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि मीडिया ने बयानों को तोड़मरोड़ कर पेश करते हुए इसे फतवे की शक्ल दी है। हालांकि, यह शरीयत की रोशनी में दी गई निजी प्रतिक्रियाएं थी। जबकि शरीयत का हुक्म बयान करते हुए कहा गया था कि हर इंसान को अपनी जिंदगी अपने तरीके से गुजारने का अधिकार है। इस्लाम यह नहीं कहता कि किसी की निजी जिंदगी में दखल दिया जाए।

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लिहाजा, चैनलों द्वारा बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किए जाने के बाद से हिंदुस्तान भर से उलमा के पास फोन आ रहे हैं। बयान में कहा गया है कि टीवी चैनलों ने दारुल उलूम और देवबंद के उलेमा को बदनाम करने की कोशिश की है, जिन्हें सबक सिखाने का काम किया जाएगा। बयान में बताया गया है कि उलेमा की बैठक में निर्णय के बाद वकीलों से दस्तावेज तैयार करा लिए गए हैं। अब ऐसे चैनलों से कोर्ट में ही बात की जाएगी। बैठक में कारी मुस्तफा, मुफ्ती ओसामा, मौलाना नूर, मौलाना मुकीद कासमी, कारी ऐजाज, मौलाना इंतजार कासमी, राव अशफाक, वाजिद त्यागी आदि मौजूद रहे।

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