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इस मामले पर अपनी बेबाक राय रखते हुए ऑनलाइन फतवा विभाग के चेयरमैन मौलाना मुफ्ती अरशद फारूकी ने कहा कि जेएनयू मे संवैधानिक ढंग से अपने अधिकारों के लिये संघर्ष कर रहे छात्र-छात्राओं को जिस तरीके से कैंपस में आरएसएस के छात्र विंग (ABVP) ने घुसकर पीटा और वह पुलिस जो जामिया मिल्लिया और एएमयू में बिना इजाजत अंदर घुसकर छात्रों को जानवरों की तरह पीटने में जरा भी नही हिचकिचायी। वही पुलिस जेएनयू में गेट के बाहर मूकदर्शक बनकर खड़ी रही और अंदर कैंपस में घुसकर आरएसएस समर्थित संगठन के गुंडों और अपराधिक तत्व जिस तरह मारपीट की। वह सोची समझी साजिश का हिस्सा है।
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ने उठाया यह बड़ा कदम
उन्होंने कहा कि छात्र छात्राओं के साथ जालिमाना तरीके से असामाजिक तत्व घंटों तक मारपीट करते रहे, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाई नहीं की। इस घटना से मानवता भी शर्मशार हो गयी है। मौलाना ने गृहमंत्री को इस मामले के लिये जिम्मेदार ठहराते हुये कहा कि हम गृहमंत्री के जमीर को जगाना चाहते है, ताकि इस मुल्क को बचाया जा सके। मौलाना ने आगे कहा कि हम अपने अधिकार के तहत उनसे यह मांग करते हैं कि इंसानियत के नाते इस मामले को गंभीरता से लें और इसमें जो भी शामिल हैं। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।