यह घटना सहारनपुर के जिला अस्पताल की है। कोतवाली मंडी क्षेत्र के माेहल्ला खाताखेड़ी की रहने वाली आइशा पिछले 9 दिन से इसी आस में जिला अस्पताल में बैठी है कि उसके पति का दिल पसीज जाएगा और पति अपने बेटी काे स्वीकार कर लेगा लेकिन हद ताे उस वक्त हाे गई जब 9 दिन बाद भी पति ने बेटी काे स्वीकार करने से इंकार कर दिया और पत्नी काे भी साफ कह दिया वह कहीं ओर शादी कर लें और अपनी बेटी काे भी अपने साथ ही ले जाए।
आइशा का निकाह करीब दाे साल पहले देवबंद क्षेत्र के गांव भनेड़ा के रहने वाले एक युवक के साथ हुआ था। शादी के बाद आईशा गर्भवती हुई ताे पति ने कहा कि उसे सिर्फ बेटा चाहिए। 22 जनवरी को प्रसव पीड़ा हाेने पर आईशा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसने एक बेटी को जन्म दिया। इस बात का पता जब पति काे चला ताे उसने बेटी काे अपनाने से इंकार कर दिया और साफ कह दिया कि उसे ताे सिर्फ बेटा चाहिए। इस तरह पति समेत सास और ससुर महिला और उसकी नवजात बेटी काे अस्पताल में ही छाेड़कर चले गए।
अस्पातल में करीब पांच दिन तक भी जब काेई नहीं आया ताे आईशा ने पति काे फाेन किया। विवाहिता के मुताबिक पति ने फोन पर ही कह दिया उसे बेटी नहीं चाहिए। पति ने यह भी कहा कि अब वह कहीं ओर शादी कर सकती है और बेटी काे भी अपने साथ ले जा सकती है। आइशा के पिता ने बेटी काे घर चलने के लिए कहा है लेकिन आईशा काे अभी भी उम्मीद है कि ससुराल के लाेगाें का दिल पिंघल जाएगा और इसी आस में वह अस्पताल में अपने पति का इंतजार कर रही है।