दरअसल, देवबंद क्षेत्र के गांव फुलासी में जोनी का घोड़ा
horse trading ग्लैंडर की बीमारी से संक्रमित था। सोमवार को डीएम आलोक कुमार पांडेय के आदेश के बाद चिकित्सकों की टीम ने गांव पहुंचकर ग्राम प्रधान वह घोड़े के मालिक जोनी की मौजूदगी में बीमार घोड़े को यूथेनेसिया का इंजेक्शन दिया। इस इंजेक्शन देने के समय बाद ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद उसे गड्ढे में दफना दिया गया
पशु चिकित्सकों की टीम ने कुछ दिनों पूर्व फुलासी के रहने वाले जाेनी के घोड़े के सीरम सैंपल लिए थे। इस जांच में पता चला था कि घाेड़ा ग्लैंडर की बीमारी से ग्रसित है। हिंसार के राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम आलोक कुमार पांडय ने जिला पशु चिकित्साधिकारी काे आदेश दिए थे। इन्ही आदेशाें के अनुपालन में पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ मनीष वर्मा समेत डॉक्टर अंकित कुमार, डॉ धीरज शर्मा व डॉ अंबरेश सिंह की टीम गांव पहुंची और बीमार घोड़े को जहर का इंजेक्शन देकर बीमारी से हमेशा के लिए मुक्त कर दिया।