जब सिपाही ने आर्इपीएस अधिकारी की कनपटी पर लगार्इ पिस्टल आैर बोला… सोशल मीडिया में सेल्फी लेने के विषय में पर अब दारुल उलूम का फतवा चर्चा का विषय बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि सेल्फी का क्रेज अब युवाओं में जुनून की हद तक पहुंच गया है। आलम यह है कि अब सेल्फी लेने मे युवा ही नहीं बड़ी उम्र के लोग भी सोशल मीडिया में सेल्फी डालकर अपनी गतिविधियों से अपने परिचितों को ही नहीं, बल्कि आमजन को भी अवगत कराते हैं। यही वजह है कि महिलाओं के फोटो को नाजायज करार देने के बाद अब दारुल उलूम ने सेल्फी को नाजायज करार दे दिया है।
आरएलडी के इस बड़े नेता के बेटे की शादी के दौरान फायरिंग में एक युवक की मौत, मचा हाहाकार दारुल उलूम के फतवे में कहा गया है कि सेल्फी लेकर फोटो को आम लोगों तक पहुंचाया जाता है, जिससे महिलाओं के फोटो को पुरुष और पुरुषों के फोटो महिलाएं देखती हैं। इसीलिए मुक्ति की खंडपीठ ने कहा कि गैरमर्द और औरतों का फोटो देखना नजायज है। उन्होंने कहा कि जरूरत के लिए ही फोटो खिंचवाए जा सकते हैं। दारुल उलूम ने कहा कि सिर्फ सरकारी दस्तावेजों के लिए ही फोटो खिंचवाना सही है, लेकिन उसे सोशल मीडिया पर डालना नाजायज है।