काम जो आज तक कोई न कर सका तजींम उलेमा ए हिन्द के प्रदेश अध्यक्ष नदीम उल वाजिदी ने कहा कि मदरसे सरकार से मदद लेते हैं तो वह दखलंदाजी करती है। हुकूमत ये चाहती है कि वहां उनके हिसाब पढ़ाया जाए और उनके तौर-तरीके पर चला जाए। इसलिए सरकार की दखलंदाजी से बचने के लिए जरूरी है कि हमारे अरबीय दीनी मदरसे सरकार से कोई मदद ना लें। इसलिए दारुल उलूम ने तमाम मदरसों को ये हिदायत दी है कि वे सरकार की इमदाद न लें और ना ही कबूल करें। ये अपील देशभर के लिए है। उन्होंने कहा कि बाहर के देशों से इसका कोई मतलब नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि हम देखते हैं जो मदरसे चाहे वे यूपी में हों, बिहार में हों, आध्र प्रदेश में हों या बंगाल में ये सब मदरसे सरकारी इमदाद लेते हैं और मजबूरन सरकार के दबाव में काम करते हैं। अगर सभी को सरकार के दबाव से आजाद होकर और स्वतंत्रता के साथ काम करना है तो सरकारी इमदाद से बचना होगा।