भाजपा के खिलाफ लिया संकल्प
चंद्रशेखर उर्फ रावण ने अपने समर्थकों के बीच यह संकल्प लिया कि जब तक भाजपा पार्टी को सत्ता से नहीं उखाड़ दूंगा तब तक अपना काेई सम्मान नहीं कराउंगा, तब तक चैन से नहीं बैठूंगा। इस संकल्प पर सभी समर्थकों ने नारे के साथ अपनी मुहर लगाई और कहा कि वह भी इस लड़ाई में शामिल है। दरअसल, संबाेधन के दौरान चंद्रशेखर का एक समर्थक उनके लिए नोटों की माला लेकर आ गया। इसने जैसे ही इस माला काे चंद्रशेखर को पहनाने की काेशिश ताे चंद्रशेखर ने साफ इंकार कर दिया आैर कह दिया कि ”मैं सम्मान कराने के लिए जेल से बाहर नहीं आया हूं लड़ाई लड़ने के लिए आया हूं” जब तक भाजपा काे सत्ता से नहीं उखाड़ फेंकता ततब तक काेई भी सम्मान नहीं कराउंगा। अभी तो लड़ाई शुरू हुई है इस लड़ाई को पूरी जिम्मेदारी के साथ लड़ना है और ब्राह्मणवाद और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलना है।
जेल से छूटते ही चंद्रशेखर ने बसपा सुप्रीमो मायावती को बुआ जी बताया और कहा कि बुआ जी ने दलितों की रक्षा के लिए बहुत मेहनत की है। बहुत काम किया है और वह मेरी बुआ जी हैं। यह कहने के बाद चंद्रखेशर ने बताया कि, उनसे खून का रिश्ता है जो भी दलितों की आवाज उठाता है उन सभी से मेरा खून का रिश्ता है। इसलिए मायावती से भी खून का रिश्ता है।