दरअसल, सहारनपुर में भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और अन्य पदाधिकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह सफाई दी है कि मेरठ में तो भीम आर्मी है ही नहीं, फिर वहां भीम आर्मी हिंसा कैसे करा सकती है? भीम आर्मी ने सिर्फ अपने ऊपर लगे आरोपों को ही खारिज नहीं किया है बल्कि इस हिंसा के लिए भाजपा और आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है। चेतावनी भरे लहजे में इन्होंने कहा है कि अब इसका जवाब न्यायालय में लिया जाएगा। भीम आर्मी कानूनी तरीके से लड़ाई लड़ेगी और न्यायालय में जाकर एक एक गोली का हिसाब लिया जाएगा।
बता दें कि महानगर मेरठ में भारत बंद आंदोलन के दौरान उपद्रव हुआ और हिंसा फैल गई थी। इस हिंसा के पीछे भीम आर्मी की सक्रिय भूमिका और सुनियोजित ढंग से बनाई गई योजना को जिम्मेदार बताया जा रहा है। लेकिन भीम आर्मी सेना ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है। भड़की हिंसा के बाद सहारनपुर में भीम आर्मी सेना ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें भीम आर्मी के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनजीत नौटियाल ने कहा कि मेरठ में अभी तक भीम आर्मी की कोई कार्यकारिणी ही नहीं है। ऐसे में जब कार्यकारिणी ही ना हो तो भीम आर्मी भला कैसे वहां हिंसा करा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि दलित समाज के लोगों ने संविधान के दायरे में रहकर प्रदर्शन किया है।
यह भी देखें : जब बस अड्डे के पास एक पट्रोलपंप के गोदाम में लगी भीषण आग तो… दलित समाज भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को मानने वाला है और उनके द्वारा बनाए गए संविधान का आदर करता है। ऐसे में वह उसका विरोध नहीं कर सकता। ये लोग शांति से प्रदर्शन कर रहे थे और पुलिस ने इनके खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। जिन प्रदेशों में सरकार ने गोलियां चलवाई हैं उनका हिसाब लिया जाएगा। इसके लिए कोर्ट में अर्जी डाली जा रही है और कानूनी रूप से लड़ाई को लड़ा जाएगा।
इस दौरान भीम आर्मी के पदाधिकारियों ने कहा कि यह हिंसा साजिश के तहत संगठन को बदनाम करने के लिए कराई गई है। भीम आर्मी सेना ने इस पूरी घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की है और कहा है कि सीबीआई जांच कराकर इस घटना के आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।