ये है पूरा मामला दरअसल, एडवाेकेट फराह फैज मुस्लिम महिलाआें के लिए आवाज उठा रही है। फराह फैज ने एक साथ तीन तलाक का विराेध किया है। वह इसके लिए सामाजिक स्तर पर आैर न्यायालय की चाैखट पर दरवाजा खटखटा रही हैं। एेसे में अक्सर उनका विराेध हाेता रहता है। फराह फैज के मुताबिक कुछ दिन पहले उन पर जानलेवा हमला भी हुआ था। वह सहारनपुर से दिल्ली जा रही थी आैर इस दाैरान चलती ट्रेन में उन पर हमला हुआ था लेकिन वह बच गई थी आैर हमलावर फरार हाे गए थे। फराह फैज ने अपने बयानाें में पुलिस काे बताया था कि हमलावर देवबंद रेलवे स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए थे। इसके बाद उन्हाेंने यह आशंका भी जताई थी कि उनके हमलावर देवबंद में या फिर दारूल उलूम में छिपे हाे सकते हैं। इसके लिए उन्हाेंने दारूल उलूम में पढ़ने वाले सभी तलबाआें की डिटेल मांगवाए जाने की गुहार न्यायालय से लगाई थी। एडवाेकेट फराह फैज के मुताबिक न्यायालय की आेर से यह आदेश पारित कर दिए गए थे लेकिन दारूल उलूम ने कभी भी तलबाआें की की जानकारी नहीं दी। यही आराेप लगाते हुए अब फराह फैज ने कहा है कि देवबंद के कुछ कथित उलेमा देवबंद में संदिग्ध एक्टीविटी ( उनक हमलावराे) काे पनाह दे रहे हैं।
ये बाेली एडवाेकेट फराह फैज इल्म की नगरी में सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता फरहा फैज़ ने आज पहुचकर दारूलउलूम व उलेमाओं पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि जो उलेमा मेरे खिलाफ आज कानूनी कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं कम से कम यह इस बात का सबूत तो दे रहे हैं कि यह भारत में रहते हैं। इनकी शरियत में कोई ऐसा कानून नहीं है कि यह कोई ऐसा एक्शन ले सकें। जो इस तरह की बात आज मेरे खिलाफ कह रहे हैं इस बात को उन्होंने स्वीकार लिया है और यही बात मैं भी कहती चली आ रही हूं कि जो मौलाना अपनी बनाई हुई शरियत को मुसलमानों पर थोप रहे हैं।