नए सत्र में प्रत्येक सरकारी स्कूलों में कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक वोकेशनल कोर्स में 40-40 सीटों पर प्रवेश दिया गया है। सत्र के शुरूआत से ही कम्प्यूटर, ब्यूटी सहित अन्य कक्षाओं में ताला डल जाने से विद्यार्थी परेशान हैं। स्कूलों में कम्प्यूटर धूल खा रहे हैं। ब्यूटी का सामान रखा हुआ हैं, लेकिन सिखाने के लिए कोई शिक्षक नहीं हैं।
परीक्षा में 100 नंबर का होता है पेपर सरकारी स्कूलों में आइटी, ब्यूटी एंड वेलनेस, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, रिटेल व सिक्यूरिटी, एग्रीकल्चर, प्लम्बिंग, सुईंग मशीन ऑपरेटर एवं हेल्थ केयर जैसे वोकेशनल कोर्स पढ़ाए जाते हैं। इन कोर्स का 9वीं से 12वीं की परीक्षा में 100-100 अंकों का पेपर भी होता है। इन कोर्स को जॉबरोल कोर्स कहा जाता था, जिससे विद्यार्थियों को स्कूल की पढ़ाई के साथ रोजगार भी मिल सके।
टेंडर रिवाइज के नाम पर कर दिया बाहर शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शैलेंद्र प्रजापति ने बताया कि प्रदेश में 3386 प्रशिक्षक कार्यरत हैं। सभी प्रशिक्षकों ने भोपाल में विभिन्न मांगों को लेकर गुरुवार को प्रदर्शन भी किया है। उन्होंने बताया कि विभाग और शासन-प्रशासन के सामने बीते 9 वर्षों से काम कर रहे थे। अचानक टेंडर रिवाइज के नाम से हमारी सर्विस मई में ब्रेक कर दी और 9 वर्षों से हमारी मांगें लंबित हैं। सेवाएं समाप्त होने की वजह से स्कूलों में वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई ही नहीं हो रही है।
नियुक्ति हमारे द्वारा नहीं होती वोकेशनल कोर्स के लिए शिक्षकों की नियुक्ति ऑउटसोर्स कंपनी के द्वारा शासन स्तर से की जाती है। प्रदेश स्तर पर सभी शिक्षकों की सेवाएं निरस्त शासन के द्वारा की गईं हैं। जिला शिक्षा विभाग द्वारा नियुक्ति नहीं होती हैं। – अरविंद जैन, जिला शिक्षा अधिकारी