scriptरात 10 बजते ही हाइवे बन जाता है स्मार्ट रोड, सड़क बर्बाद होने के साथ हादसों का भी खतरा | The highway becomes a smart road at 10 pm, along with the road getting ruined there is also a risk of accidents | Patrika News
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रात 10 बजते ही हाइवे बन जाता है स्मार्ट रोड, सड़क बर्बाद होने के साथ हादसों का भी खतरा

करोड़ों रुपए खर्च करके तैयार किए शहर के स्मार्ट रोड रात 10 बजते ही हाइवे बन जाते हैं। पिछले करीब 6 माह से बीच शहर से भारी वाहनों की रेलमपेल शुरू हो जाती है और पूरी रात यहां से बे-रोकटोक भारी

सागरJan 05, 2025 / 11:39 am

Madan Tiwari

टोल टैक्स बचाने और लंबा चक्कर लगाने से बचने शहर के बीच गुजर रहे भारी वाहन

सागर. करोड़ों रुपए खर्च करके तैयार किए शहर के स्मार्ट रोड रात 10 बजते ही हाइवे बन जाते हैं। पिछले करीब 6 माह से बीच शहर से भारी वाहनों की रेलमपेल शुरू हो जाती है और पूरी रात यहां से बे-रोकटोक भारी वाहन दौड़ते हैं। एक अनुमान के अनुसार हर रोज 300 से 400 भारी वाहन गुजरते होंगे। नियमानुसार इन वाहनों को हाइवे से निकलकर वायपास होते हुए शहर क्रॉस करना चाहिए, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण वे शॉर्टकट के चक्कर में सीधे शहर के बीचों-बीच से निकलने लगे हैं। इससे शहर की अच्छी-खासी सड़कें तो बर्बाद होंगी हीं, साथ ही हादसों का भी खतरा बढ़ गया है।

– रफ्तार पर भी नियंत्रण नहीं

शहर के बीच से गुजर रहे भारी वाहनों में रेत, गिट्टी, सीमेंट, लोहे से लदे ट्रक/डंपर के अलावा वह लंबे-लंबे ट्रक भी शामिल हैं जिन पर लोहे के पाइप, चद्दर और हेवी मटेरियल होता है। जानकारों का कहना है कि कई ट्रकों का लोड तो 80 टन से भी ज्यादा होता होगा। क्योंकि जब वह स्मार्टं रोड से गुजरते हैं तो आसपास कंपन शुरू हो जाता है। इतना ही नहीं रात होने के कारण इन भारी वाहनों की रफ्तार भी नियंत्रण नहीं होता है। कुछ दिनों से स्थिति यह है कि जो लोग रात में खाना खाने के बाद स्मार्ट रोड पर टहलने निकलते थे वह भी अब डरने लगे हैं।

– यातायात को मतलब नहीं, निगम भी लापरवाह

शहर से गुजर रहे भारी वाहनों को लेकर यातायात पुलिस और नगर निगम दोनों की ही लापरवाही सामने आ रही है। यातायात का अमला शाम के बाद हाइवे पर खड़े वाहनों की चैकिंग में जुट जाता है तो यहां पूरी रात शहर के बीच से फर्राटे भर रहे इन बड़े-बड़े वाहनों की निकासी को रोकने नगर निगम के जिम्मेदार भी आगे नहीं आ रहे हैं।

– कैंट के रास्ते आना-जाना

शहर से गुजरने वाले वाहनों का कैंट व मकरोनिया की ओर से आना-जाना होता है। कुछ वाहन कैंट से निकलकर मकरोनिया की ओर चले जाते हैं तो कुछ सिविल लाइन चौराहे से स्मार्ट रोड-2 से तिली तिराहे होते हुए निकलते हैं, जबकि भोपाल से आने वाले वाहनों को यदि फोरलेन जाना है तो उनको गढ़पहरा होते हुए या फिर धर्मश्री वायपास से निकाला जा सकता है। इसी प्रकार फोरलेन से भोपाल या फिर बीना रोड पर जाने वाले वाहनों के लिए व्यवस्था होनी चाहिए।

– फैक्ट फाइल

– 10 बजे रात से सुबह तक गुजर रहे भारी वाहन

– 200 से 300 वाहन निकलते हैं

– 5 किमी से ज्यादा आबादी क्षेत्र

– 30 दिन से ज्यादा का हो गया समय

– जांच कर कार्रवाई करेंगे

रात के समय नो-एंट्री नहीं रहती है, फिर भी अन्य मार्गों के वाहन यदि आबादी क्षेत्र से गुजर रहे हैं तो उनकी जांच कर कार्रवाई करेंगे।

मयंक सिंह चौहान, डीएसपी, यातायात

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