पांच साल की थी योजना
स्मार्ट सिटी योजना पांच साल के विजन के साथ तैयार की गई थी। सागर का स्मार्ट सिटी योजना के तीसरे चरण में 23 जून 2017 को चयन हुआ था। इसके बाद बोर्ड के गठन व अन्य कागजी कार्रवाई पूर्ण करने में अफसरों को करीब एक साल लग गया। पांच साल की योजना पूर्ण करने में सात सालों का समय लग गया लेकिन अब भी कई कार्य अधूरे हैं।
कटरा बाजार पर था फोकस, वहीं नहीं हुआ कोई काम
स्मार्ट सिटी प्रपोजल में सबसे ज्यादा कटरा बाजार के डवलपमेंट फोकस किया गया था। इसको लेकर कई सपने दिखाए गए थे लेकिन यहां पर मल्टीलेवल पार्किंग के अलावा कोई भी दूसरा काम शुरू नहीं हो पाया है। परकोटा की दीवारों, चकराघाट, नजरबाग पर जो काम हुए, वे भी जर्जर अवस्था में आ गए हैं।
ये कार्य अब भी अधूरे
– लाखा बंजारा झील का विकास व सफाई। – लाइट एंड साउंड शो। – झील में फ्लोटिंग फाउंटेन। – मल्टीलेवल पार्किंग। – स्मार्ट रोड दीनदयाल चौराहा-गोपालगंज-ज्योति भवन। – ओपन एयर थिएटर। – साबूलाल मार्केट व नया बाजार का डवलपमेंट। – कटरा मार्केट का अपग्रेशन। – स्मार्ट फायर हाइडेंट सिस्टम। – चकराघाट का जीर्णोद्धार। – पब्लिक कनेक्टिविटी के लिए पब्लिक वाई-फाई हॉट-स्पॉट्स।
– इसके अलावा ऐसे कई कार्य हैं, जो या तो योजना से हटा दिए या फिर शुरू नहीं हुए।
शेष कार्य तय समय में पूर्ण करेंगे
30 जून के बाद किसी नए काम को फंड नहीं मिलेगा, लेकिन जो कार्य चल रहे हैं या शेष रह गए हैं, उन्हें तय समय में पूर्ण करेंगे। अलग-अलग कार्यों को पूर्ण करने की समयसीमा भी अलग-अलग है। – राजकुमार खत्री, निगमायुक्त सह ईडी, एसएससीएल