scriptपुलिस ने बिना मामला दर्ज किए युवक को लिया हिरासत में, कार्रवाई का जताया विरोध, थाना परिसर में किया प्रदर्शन | Police took the youth into custody without registering a case, protest against the action, demonstration held in the police station premises | Patrika News
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पुलिस ने बिना मामला दर्ज किए युवक को लिया हिरासत में, कार्रवाई का जताया विरोध, थाना परिसर में किया प्रदर्शन

बाद में धारा 170 के तहत किया मामला दर्ज, मिली जमानत, सुबह से लेकर दोपहर तक चलता रहा प्रदर्शन

सागरOct 06, 2024 / 12:08 pm

sachendra tiwari

Police took the youth into custody without registering a case

थाना परिसर में बैठकर प्रदर्शन करते हुए

बीना. पुलिस ने शुक्रवार की रात ग्राम हिरनछिपा निवासी एक युवक को हिरासत में लिया था, जबकि युवक के ऊपर कोई मामला दर्ज नहीं था। इसकी सूचना मिलने पर सुबह कांग्रेस नेता, क्षत्रिय समाज के लोग बड़ी संख्या में थाने पहुंचे। साथ ही भाजपा नेता भी युवक के पक्ष में पहुंचे थे। दोपहर तक प्रदर्शन चलने के बाद पुलिस ने युवक के खिलाफ बीएनएस की धारा 170 के तहत मामला दर्ज किया और एसडीएम न्यायालय में पेश किया गया, जहां एसडीएम के न होने पर नायब तहसीलदार ने जमानत दी।
जानकारी के अनुसार हरीश उर्फ हन्नु राजपूत को पुलिस ने शुक्रवार रात करीब 1 बजे हिरासत में लिया था। इसके बाद उसे थाने में बैठाए रखा गया, लेकिन यह नहीं बताया गया कि उसने अपराध क्या किया है और कौन सा मामला दर्ज हुआ है। सुबह जब इसकी जानकारी कांग्रेस, भाजपा नेता और क्षत्रिय समाज को मिली, तो वह थाने पहुंच और थाना प्रभारी से बात कर जानकारी मांगी की किस मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद थाना परिसर में धरना देकर पुलिस और विधायक के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शन करने वालों ने आरोप लगाया है कि विधायक को लेकर चल रही चर्चाओं के संदर्भ में युवक ने सोशल साइट पर पोस्ट की थी, जिससे यह कार्रवाई हुई है। प्रदर्शन होते देख दोपहर करीब 2 बजे धारा 170 के तहत मामला दर्ज किया गया और नायब तहसीलदार ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया। प्रदर्शन करने वालों में इंदर सिंह ठाकुर, सीताराम ठाकुर, मुन्ना देहरी, आशीष चौबे, नरेन्द्र सिंह, प्रमोद राय आदि शामिल हैं।
राजनीतिक दबाव में किया गया ऐसा
पूर्व मंत्री प्रभु सिंह ने बताया कि राजनीतिक दबाव में युवक को हिरासत में लिया गया है, क्योंकि उसने सोशल साइट पर कुछ पोस्ट डाली थीं, जो शहर में चल रहे राजनीतिक माहौल को लेकर थीं, जो सीधे किसी के नाम से नहीं थीं। साथ ही पोस्ट में कोई अभद्र भाषा का प्रयोग भी नहीं किया गया था। विधायक के संदर्भ में लिखा था, लेकिन उनका नाम नहीं है। जबकि कुछ लोग फर्जी आइडी बनाकर लोगों के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे हैं और शिकायत के बाद भी पुलिस उनपर कार्रवाई नहीं कर रही है।
भाजपा के पूर्व विधायक भी पहुंचे थाने
भाजपा के पूर्व विधायक महेश राय भी इस मामले को लेकर थाने पहुंचे थे और थाना प्रभारी से पूरे मामले को लेकर चर्चा भी की थी। उन्होंने बताया कि बिना किसी मामले के ही युवक को हिरासत में लिया गया था, जो गलत है। ऐसा करने के लिए किसी का दबाव हो सकता है।
दोनों पार्टी के नेताओं का पहुंचना बना चर्चा का विषय
इस मामले में भाजपा और कांग्रेस नेताओं का पहुंचना राजनीतिक चर्चा का विषय बना रहा और इसे आने वाले उपचुनाव को जोड़कर भी देखा जा रहा है। क्योंकि आरोप भाजपा विधायक के ऊपर ही लगाए जा रहे थे, जो कांगे्रस छोड़कर भाजपा में आई हैं। साथ ही कुछ दिनों से खींचतान भी चल रही है।
सुबह मिली थी सूचना
युवक को हिरासत में लेने की सूचना सुबह मिली थी, जिसपर थाना प्रभारी से बात की थी और उन्होंने बताया था कि उत्पात मचाने पर उसे हिरासत में लिया है। मैंने किसी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नहीं बोला था और न ही युवक ने मेरे नाम से कोई पोस्ट सोशल साइट पर डाली थी, जो भी अरोप लगाए जा रहे वह निराधार हैं।
निर्मला सप्रे, विधायक, बीना

उत्पात मचाने पर लिया था अभिरक्षा में
रात में युवक उत्पात मचा रहा था और किसी अपराध को भी घटित कर सकता था, इसलिए पुलिस अभिरक्षा में लिया गया था और फिर धारा 170 के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है।
अनूप यादव, थाना प्रभारी, बीना

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