दरअसल जंक्शन पर प्लेटफॉर्म का निर्माण कई साल पहले कराया गया था, उस समय सीमित कोच के साथ ट्रेनों का संचालन किया जाता था, लेकिन अब 22 से 26 कोच तक की ट्रेन चलती है जो चार नंबर प्लेटफॉर्म पर आकर खड़ी होती हैं, तो दो से तीन कोच प्लेटफॉर्म के बाहर खड़े होते हैं। जिसके कारण यात्रियों को पटरी पर उतरना पड़ता है। इस दौरान यदि किसी से जरा सी भी चूक हो जाए, तो गिरने से उसकी जान भी जा सकती है। इस दौरान यात्रियों को यह अंदाजा लगाना पड़ता है कि ट्रेन आगे निकलेगी या प्लेटफॉर्म पर खड़ी होगी उसके हिसाब से वह उतरने के लिए तैयार होते हैं। यहां झेलम एक्सप्रेस, पंजाबमेल एक्सप्रेस, छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस सहित अन्य लंबी ट्रेनें आती हैं, तो इंजन से जुड़े दो से तीन कोच प्लेटफॉर्म को पार कर जाते हैं।
बुजुर्गों व महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी कई ट्रेनों की दो से तीन बोगियां प्लेटफॉर्म से बाहर निकल जाती हैं। इससे यात्रियों को ट्रेन में चढऩे व उतरने में परेशानियां होती है। इस दौरान नीचे उतरने में बुजुर्ग व महिलाओं को काफी परेशान होना पड़ता है। जो बामुश्किल ही ट्रेन से नीचे उतर पाते हैं।
दिव्यांग कोच भी आता है यहां पर इसी जगह पर दिव्यांग कोच भी आकर खड़े होते है। जिन्हें उतरने के लिए दूसरे लोगों का सहारा लेना पड़ता है। यदि यहां पर प्लेटफॉर्म की लंबाई बढ़ा दी जाए, तो इन सभी यात्रियों को सुविधा होगी।
अधिकारियों से करेंगे चर्चा यदि ऐसा है कि कोच प्लेटफॉर्म से आगे जाकर खड़े हो रहे हैं तो इसकी जानकारी स्थानीय अधिकारियों से लेते हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है। जल्द ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।
नवल अग्रवाल, पीआरओ, भोपाल