नहीं लग रहे स्वास्थ्य शिविर
शुरूआत में नगर निगम ने जब अमावनी में शहर का कचरा डंपिंग करना शुरू किया था, तो लोगों ने बीमारियों का हवाला देते हुए विरोध किया। इसको लेकर समय-समय पर स्वास्थ्य शिविर लगाने की बात कही थी, लेकिन निगम प्रशासन अपना वादा भूल गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि अमावनी में सालों से कोई स्वास्थ्य शिविर नहीं लगे हैं।
निगम ने छह माह के लिए बनाया था अस्थाई डंपिंग ग्राउंड
वर्ष 2016 में जब हफसिली गांव में लोगों ने विरोध किया और सागर-खुरई हाइवे पर जाम लगाया। इसके बाद नए डंपिंग ग्राउंड के रूप में अमावनी का चयन किया गया। उस दौरान निगम की ओर से महज तीन से छह माह ही यहां पर कचरा डंपिंग की बात की गई थी, लेकिन धीरे-धीरे तीन साल बीत गए और अब वहां पर कचरे के पहाड़ बन चुके हैं, लेकिन कचरा डलना जारी है।
एक किलो मीटर तक फैली बदबू
खुरई-भोपाल वायपास पर स्थित अमावनी का डंपिंग ग्राउंड मुख्य सड़क से लगा हुआ है। आसपास की आबादी तो कचरे और बदबू से परेशान है ही, लेकिन यहां हवा के झौंके साथ एक-एक किलो मीटर दूर तक के लोग बदबू से परेशान हैं। लोगों का कहना है कि बारिश के समय तो हालात और भी बिगड़ जाते हैं। कोई नया व्यक्ति यदि वहां से गुजरे तो नाक बंद करके ही निकलता है।
मुश्किल हो गया सांस लेना
गंदगी, बदबू और मक्खी-मच्छरों के कारण खाना खाने का मन भी नहीं करता है। अब तो हालात यह हैं कि यहां सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है, लेकिन किसी को हमारी परेशानी नजर नहीं आ रही है।
रंजीत सिंह ठाकुर, स्थानीय रहवासी
गांव के हर घर में कोई न कोई बीमार बना रहता है। मेरा घर नजदीक होने के कारण सबसे ज्यादा परेशानी है। घर में किसी न किसी का इलाज चलता ही रहता है। नई-नई बीमारियां हो रहीं हैं, लेकिन कोई भी हमारी समस्या नहीं सुन रहा।
संतोष रानी कोरी, स्थानीय रहवासी