जानकारी के अनुसार रेलवे स्टेशन के पास कई रेलवे के बंगला खाली पड़े हैं, जो कई सालों पहले रेलवे ने खंडहर घोषित कर दिए थे। स्टेशन से महज पचास से सौ मीटर की दूरी पर करीब दो दर्जन से ज्यादा बंगला खाली है। जिनमें लंबे समय से भीख मांगने वाले लोग रह रहे हैं। यहां पर कुछ दिनों पहले एक दीवार का हिस्सा गिर गया था, जिससे यहां रहने वालों के बच्चे बाल-बाल बच गए थे। इसके बाद यहां पर एक आवास का छत का हिस्सा टूटकर नीचे गिर गया था। गनीमत रही कि उस समय यहां पर कोई नहीं था, नहीं तो किसी की जान भी जा सकती थी। रेलवे ने खंडहर घोषित करके रेलवे अधिकारी, कर्मचारियों से तो यह आवास खाली करा लिए लेकिन इनमें जो मजदूर व भीख मांगने वाले लोग रह रहे हैं उनसे खाली नहीं कराए है, जिससे उनकी जान खतरे में हैं।
इंजीनियरिंग विभाग को नहीं रुचि रेलवे के अलाधिकारी मानों किसी घटना होने का इंतजार करते हैं। क्योंकि पश्चिमी रेलवे कॉलोनी में कुछ साल पहले जो घटना घटी थी वह भी तेज हवा में दीवार गिरने से हुई थी, जिसमें पांच मजदूरों की जान चली गई थी। रेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के लिए इन्हें गिराने में कोई रुचि नहीं दिख रही है, मानों वह किसी घटना होने का इंतजार कर रहे हैं। यहां रहने वालों को वहां से बाहर करने के लिए भी कभी आरपीएफ भी रुचि नहीं दिखाती है।