सिटीजन पोर्टल पर प्रदेश के पुलिस अधिकारी व पुलिस थानों की जानकारी भी एक साथ उपलब्ध है। इससे जरूरत के समय पर लोग मुख्यालय के अलावा थाना स्तर पर नंबर प्राप्त कर संबंधित अधिकारियों से सहायता की मांग कर सकते हैं। इसके लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद इसका उपयोग कभी भी कहीं से भी किया जा सकता है। दूसरे शहर या प्रदेश में होने पर नागरिक पोर्टल या एप की मदद से अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन की जानकारी और मैप भी देख सकते हैं।
यह है सिटीजन पोर्टल
देशभर के पुलिस थानों को एक लिंक से जोडऩे के लिए चलाए जा रहे सीसीटीएनएस प्रोजेक्ट के तहत जल्द की पुलिस सेवाओं को भी ऑनलाइन करने का प्रयास जारी है। इसी प्रोजेक्ट के तहत मप्र पुलिस ने सिटीजन पोर्टल व मोबाइल एप भी लांच किया है। इसमें खोई संपत्ति जैसे मोबाइल-वाहन, चरित्र सत्यापन संबंधी सेवाएं दी गई थी जिनमें अब विस्तार कर किराएदार का सत्यापन, शिकायत, गिरफ्तारी, गुमशुदगी की जानकारी के अलावा प्रदेश के किसी भी थाने में दर्ज अपराध की प्राथमिकी व जरूरत की स्थिति में पुलिस की सहायता के लिए भी आवेदन किया जा सकता है।
भटकने से भी मिलेगी मुक्ति
सिटीजन पोर्टल पर एप्लीकेशन ट्रायल पर हैं जल्द ही इन्हें नागरिकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। छोटे-छोटे काम के लिए लोगों को थानों का चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। अभी चरित्र सत्यापन के लिए पहले बैंक में चालान जमा करना होता है जिसके बाद नोटराइज्ड शपथ पत्र बनवाकर उसे चालान के साथ थाने में जमा करने पर सक्षम अधिकारी अपनी सुविधा के अनुसार प्रमाण पत्र बनाकर देता है। एेसे ही मोबाइल खो जाने पर आवेदन, शपथ पत्र लेकर थाने के चक्कर लगाने पड़ते हैं। पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद नागरिक निर्धारित जानकारी अपलोड करने के बाद बिना परेशान हुए प्रमाण पत्र और मोबाइल गुम होने की सूचना का प्रमाणीकरण प्रिंट के रूप में हासिल कर पाएंगे।
किराएदारों का वेरिफिकेशन आसान
घर पर किराएदार रखने से पहले वेरिफिकेशन कराना जरूरी है। इसको लेकर समय-समय पर पुलिस द्वारा अभियान भी चलाया जाता रहा है। लेकिन थाने के चक्कर काटने से बचने के लिए लोग वेरिफिकेशन कराना जरूरी नहीं मानते। लेकिन सिटीजन पोर्टल इस परेशानी को भी जल्द ही दूर कर देगा। मकान मालिक को किराएदार से संबंधित जानकारी लेकर पोर्टल पर दाखिल करनी होगी और कुछ दस्तावेज उसके साथ अपलोड करते ही स्वत: ही वेरिफिकेशन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।