जिला बनते-बनते रह गया बीना
बीना विधानसभा से कांग्रेस की एकमात्र विधायक निर्मला सप्रे चुनकर आई थी, लेकिन वह फिर भाजपा में शामिल हो गई। हालांकि, उन्होंने अभी विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा थी कि बीना को जिला बनवाने की मांग को लेकर निर्मला सप्रे भाजपा में शामिल हुई थी। बीना को जिला बनाने की घोषणा भी होने ही वाली थी कि अडंगा फंस गया। इसके बाद पुनर्गठन आयोग का गठन कर दिया गया। आयोग अपनी रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजेगा। बीना के जिला न बनने से स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।
खुरई को भी नहीं मिली कोई बड़ी उपलब्धि
खुरई विधानसभा से पूर्व मंत्री और विधायक भूपेंद्र सिंह से क्षेत्र में बड़ी उम्मीदें हैं। वह शिवराज सरकार में मंत्री पद संभाल रहे थे, लेकिन इसके फलस्वरूप विकास के नाम पर कोई बड़ी उपलब्धि हाथ नहीं लगी। इधर, खुरई को जिला बनाने का सपना भी पूरा न हो सका। खुरई के जिला न बनने से स्थानीय लोगों ने कई बार आंदोलन किए, बंद का ऐलान किया पर खुरई को जिला की उपलब्धि नहीं मिल पाई।
सुरखी के मंत्री नहीं करा पाए बड़ा विकास कार्य
सुरखी विधानसभा से विधायक और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत सरकार में अहम विभाग संभाल रहे हैं। बीते एक साल में सुरखी में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं हुआ। हालांकि, रीजनल कॉन्क्लेव में डाटा सेंटर के नाम पर निवेश होने की उम्मीद भी है, लेकिन उसके विवादित होने की बात सामने आई है।