– परिसीमन से सुधर सकती है स्थिति
शासन समय-समय पर जिला, तहसील से लेकर विधानसभाओं का परिसीमन करता है। ऐसे ही थानों का परिसीमन भी किया जा सकता है। मोतीनगर थाना शहर के कोतवाली, गोपालगंज, कैंट और ग्रामीण के जैसीनगर व नरयावली थाने की सीमा तक फैला है। अपराधों को नियंत्रित करने और आबादी की संख्या घटाने यदि अधिकारी चाहें तो मोतीनगर थाना में आने वाले कुछ वार्डों को अन्य थानों में शामिल कर सकते हैं। कुछ समय पूर्व सिविल लाइन व सुरखी थाना में इस प्रकार का बदलाव किया भी गया था, जिसमें सुरखी के कुछ गांव को सिविल लाइन थाने में शामिल किया गया है।
– शहर/मकरोनिया के 7 थानों की स्थिति
– मोतीनगर थाना – 1419 – कैंट थाना – 757 – गोपालगंज थाना – 554 – मकरोनिया थाना – 492 – कोतवाली थाना – 476 – बहेरिया थाना – 439 – सिविल लाइन थाना – 329
– सबसे ज्यादा अपराध वाले जिले के 5 थाने
– मोतीनगर – 1419 – बंडा – 1039 – रहली – 923 – बीना – 764 – राहतगढ़ – 682 नोट- सभी आंकड़े विभाग के एमपी-ईकॉप एप के अनुसार।
– एक्सपर्ट व्यू
– बल, वाहन के साथ चौकी बढ़ा सकते हैं मोतीनगर जिले का सबसे बड़ा थाना है, वहां घनी बस्तियां होने के कारण आबादी भी ज्यादा है, इसलिए अपराधों की संख्या ज्यादा हो सकती है। किसी थाने की आबादी ज्यादा होने के साथ यदि संगीन अपराधों की संख्या भी ज्यादा हो तो वहां व्यवस्थाओं को लेकर विभाग में प्रावधान है। शासन-प्रशासन के लिए बल, वाहन बढ़ाने के साथ पुलिस चौकियां स्थापित करने का प्रस्ताव भेजा जा सकता है। जेपी गौतम, सेवानिवृत्त, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
– शहर की आधी आबादी मोतीनगर में
शहर की आधी आबादी मोतीनगर थाना क्षेत्र में निवासरत है, इसके अलावा करीब 20 गांव भी थाने के सीमा में आते हैं। बड़ा क्षेत्र और अन्य थानों की तुलना में जनसंख्या ज्यादा होने के कारण यहां ज्यादा मामले दर्ज होते हैं। जसवंत सिंह राजपूत, थाना प्रभारी, मोतीनगर