मध्यप्रदेश में भी रेलवे और उसके कर्मचारी अलर्ट मोड में नजर आ रहे हैं। बीना में सुबह साढ़े आठ बजे झांसी से आकर गुना की ओर जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस स्टेशन पहुंची, तो शंटिंग के दौरान कर्मचारियों ने दो कोच के बीच में खड़े होकर काम नहीं किया। बल्कि प्लेटफार्म पर खड़े होकर हरी झंडी दिखाकर शंटिंग का काम कराते रहे। दोपहर में भी गुना से झांसी की ओर जाने वाली साबरमती एक्सप्रेस में भी शंटिंग के दौरान कोई कर्मचारी नीचे नहीं उतरा। कोच के एक-दूसरे से जुडऩे के बाद ही कपलिंग जोडऩे के लिए कर्मचारी नीचे उतरा और कोच की कपलिंग जोड़कर उसे गंतव्य की ओर चलाया गया।
इसी प्रकार की सुरक्षा का ध्यान शाम को सागर की ओर जाने वाली बीना-दमोह पैसेंजर ट्रेन की शंटिंग के दौरान भी रखा गया। एक दिन पहले तक सभी कर्मचारी दो कोच जोड़ते समय बीच में ही खड़े होकर काम करते थे। इसी दौरान चूक होने से कर्मचारी की जान चले जाती है।
बरौनी रेल हादसे ने सभी को दहला दिया (lucknow barauni express)
दो दिन पहले बरौनी जंक्शन पर एक रेल कर्मचारी शंटिंग के दौरान चपेट में आ गया था। रेलवे की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 9 नवंबर को 6 नंबर प्लेटफार्म पर ट्रेन संख्या 15204 (लखनऊ बरौनी एक्सप्रेस) 8.10 बजे आई थी। स्टेशन मास्टर ने कांटावाला सुलेमान और अमर कुमार को इंजन अलग करने के लिए भेजा था। इंजन अलग करने के वक्त अमर कुमार दब गए थे। उनकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई थी। बताया जा रहा है कि अन्य कर्मचारियों के गलत इशारे के कारण सामंजस्य नहीं बिठा पाए और इंजन आगे बढ़ गया और हादसा (Shunting Accident) हो गया।