राजस्व अधिकारियों खासतौर से आरआइ, पटवारी को प्रत्येक अवैध कॉलोनी की जानकारी होती है, लेकिन कभी इसकी रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को नहीं देते। इन्हीं की सांठगांठ से कॉलोनाइजर कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां काटकर करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर अधिकारियों की कार्रवाई नोटिस तक सीमित रहती है। अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ यदि प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करे तो सैकड़ों लोग कानून के पंजे में फंस जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि पर कॉलोनी काटने के लिए कॉलोनाइजर सिर्फ पंचायत की एनओसी लेते हैं। इसी को आधार मानकर वह खेतों में प्लाटिंग करते हैं, लेकिन जब इस संबंध में जनपद सीइओ राजेश पटैरिया से बात की, तो उन्होंने बताया कि कॉलोनी काटने के लिए पंचायत एनओसी नहीं दे सकती। यदि किसी पंचायत न एसओसी दी है, तो वह गैरकानूनी है, ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है, जिन लोगों ने अवैध कॉलोनी काटी हैं उन सबके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक करीब 50 लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
देवेंद्र प्रताप सिंह, एसडीएम, बीना