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अवैध कॉलोनाइजर पहुंचा रहे पर्यावरण को क्षति, काटे जा रहे वर्षों पुराने वृक्ष

कार्रवाई न होने से कॉलोनाइजरों के हौसले हैं बुलंद, नोटिस देने तक सीमित रहती है कार्रवाई, शहर के चारों ओर फैल रहा जाल

सागरMay 30, 2024 / 12:49 pm

sachendra tiwari

Illegal colonizers are causing damage to the environment, years old trees are being cut

कॉलोनी विकसित करने काटे वृक्ष

बीना. शहर के चारों तरफ अवैध कॉलोनियों का जाल बिछ गया है। अपने स्वार्थ के लिए कॉलोनाइजर बेधड़क हरेभरे पेड़ काटकर पर्यावरण को भारी क्षति पहुंचा रहे हैं। इसके अलावा शहर के आसपास जिन खेतों में दो साल पहले तक फसल लहलहाती थी, उनमें अब सिर्फ सीसी रोड और प्लाट नजर आ रहे हैं। हैरानी की बात तो यह है कि यह सब अधिकारियों की जानकारी में हो रहा है, लेकिन वह कॉलोनाइजरों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
खुरई रोड पर ढुरुआ और बारधा गांव से शहर तक स्टेट हाइवे के दोनों तरफ सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां काट दी गई हैं। इन खेतों में दो साल पहले तक न सिर्फ फसल लहलहाती थी, बल्कि सैकड़ों की संख्या में वृक्ष थे, लेकिन इन वृक्षों की बलि दे दी है। सिर्फ यही नहीं कुछ समय पहले ही एसडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह ने शहर और ग्रामीण क्षेत्र में अवैध कॉलोनी काटने वाले करीब 50 कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किए हैं, बावजूद इसके अवैध कॉलोनियां काटने पर रोक नहीं लगी है। ढुरुआ गांव के पास सड़क के बाजू में कॉलोनी काटने के लिए सड़क बनाई जा रही है, इसके लिए कॉलोनाइजर बड़ी संख्या में सैकड़ों साल पुराने पेड़ काट दिए हैं। खेत में पड़े वृक्षों के ठूंठ से पता चलता है कि कॉलोनाइजर पर्यावरण को किस हद तक नुकसान पहुंचा रहे हैं। अवैध कॉलोनी काटने के लिए वृक्षों की कटाई का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी सैकड़ों पेड़ काटकर कॉलोनियां काटी गई हैं।
अधिकारी नहीं करते कार्रवाई
राजस्व अधिकारियों खासतौर से आरआइ, पटवारी को प्रत्येक अवैध कॉलोनी की जानकारी होती है, लेकिन कभी इसकी रिपोर्ट तैयार कर अधिकारियों को नहीं देते। इन्हीं की सांठगांठ से कॉलोनाइजर कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां काटकर करोड़ों रुपए कमा रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर अधिकारियों की कार्रवाई नोटिस तक सीमित रहती है। अवैध कॉलोनी काटने वालों के खिलाफ यदि प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करे तो सैकड़ों लोग कानून के पंजे में फंस जाएंगे।
पंचतायत से लेते हैं एनओसी
सूत्रों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में कृषि भूमि पर कॉलोनी काटने के लिए कॉलोनाइजर सिर्फ पंचायत की एनओसी लेते हैं। इसी को आधार मानकर वह खेतों में प्लाटिंग करते हैं, लेकिन जब इस संबंध में जनपद सीइओ राजेश पटैरिया से बात की, तो उन्होंने बताया कि कॉलोनी काटने के लिए पंचायत एनओसी नहीं दे सकती। यदि किसी पंचायत न एसओसी दी है, तो वह गैरकानूनी है, ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।
नोटिस जारी किए गए हैं
अवैध कॉलोनाइजरों के खिलाफ कार्रवाई जारी है, जिन लोगों ने अवैध कॉलोनी काटी हैं उन सबके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अब तक करीब 50 लोगों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं।
देवेंद्र प्रताप सिंह, एसडीएम, बीना

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