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सागर

सर्दी में भगवान की बदली दिनचर्या : सुबह गुनगुने पानी से हो रहा अभिषेक, खजूर और मौसमी फलों का लगाया जा रहा भोग

शहर में मंगलवार को सीजन का पहला कोहरा रहा। सर्दी का सीजन शुरू होते ही मंदिरों में भी भगवान की दिनचर्या में बदलाव आ गया है। शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में आरती के समय में बदलाव किया गया है एवं भोग प्रसादी एवं राज भोग में भी बदलाव किया गया है।

सागरNov 20, 2024 / 12:53 pm

रेशु जैन

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सागर. शहर में मंगलवार को सीजन का पहला कोहरा रहा। सर्दी का सीजन शुरू होते ही मंदिरों में भी भगवान की दिनचर्या में बदलाव आ गया है। शहर के प्रसिद्ध मंदिरों में आरती के समय में बदलाव किया गया है एवं भोग प्रसादी एवं राज भोग में भी बदलाव किया गया है। भगवान को ठंड का एहसास होने पर ऊनी वस्त्र धारण कराए गए और भोग की थाली में गर्म तासीर वाले खाद्य पदार्थ और पेय अर्पित किया। बाजार में भी ठाकुरजी व राधारानी सहित अन्य देवी-देवताओं के ऊनी कपड़े बाजार में उपलब्ध हैं।
गुनगने से जल हो रहा अभिषेक

धनेश्वर मंदिर के पुजारी पं. पंकज पंडा ने बताया कि शीत ऋ तु का असर शिवालय में होने वाली नित्य पूजन में भी दिखने लगा है। प्रात: महादेव का गुनगुने जल से अभिषेक पंचामृत स्नान षोडश उपचार से पूजन शीत ऋतु में गर्म पदार्थों का भोग लगाया जा रहा है। उसके बाद आरती होगी। शाम में 7.30 पर संध्या आरती, शयन आरती रात्रि 9.30 पर बजे होगी। ठंड से बचाव के लिए भगवान को गर्म साल शयन के साथ ओढ़ाया जाता है।
सुबह आधे घंटे देरी से खुलेंगे पट

चमेली चौक स्थित महाकाली मंदिर पंडित संजय अवस्थी ने बताया में प्रात: काल की आरती में आधा घंटा बढ़ाया गया है एवं शाम की आरती में आधा घंटे का कम किया गया है। मंदिर के पट बंद होने के समय में भी प्रात: काल आधा घंटा लेट एवं रात्रि में आधा घंटा समय कम किया गया है। उन्होंने बताया कि देवी जी की श्रृंगार में शॉल सहित रेशमी कपड़ों एवं गर्म पोशाक आदि को सम्मिलित किया गया है। उन्होंने बताया कि भोग में खजूर सहित अन्य मौसमी फलों को भोग प्रसादी में शामिल किया है।
देव द्वारकाधीश का बदला भोग

बड़ा बाजार स्थित देव द्वारकाधीश मंदिर में सर्दियां शुरु होते ही देव द्वारकाधीश भगवान के भोग में बदलाव हुआ है। मंदिर समिति के शिवम सोनी ने बताया कि सर्दी का सीजन शुरु होते ही दिनचर्या बदल जाती है। उन्होंने बताया कि भोग में दाल-चावल, हरी सब्जी के बाजरा और मक्का की रोटी को शामिल किया जा रहा है। शाम को शयन कराने से पहले केशर का दूध मेवा मिष्ठान के साथ अर्पित किया जाएगा।

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