13 महीनों से अटका मामला
फर्नीचर क्लस्टर को अप्रेल-2023 में शासन से स्वीकृति मिल गई थी। इसके लिए राशि का प्रावधान भी कर दिया गया था लेकिन कागजी कार्रवाई और चुनावों की आदर्श आचार संहिता के कारण मामला 13 महीनों से आगे टलता जा रहा है।
इन कामों से शहर में आएगा बदलाव
- फर्नीचर क्लस्टर के तहत शहर में संचालित आरा मशीनों को भी जगह दी जानी है। शासन की ओर से इसको स्वीकृति भी दी गई है। आरा मशीन वाले वहां पर सिर्फ लकड़ी की छिलाई का काम कर सकेंगे। जिला प्रशासन ने सिद्धगुवां में फर्नीचर क्लस्टर के लिए उद्योग विभाग को 83 एकड़ की जमीन हैंडओवर की है।
- उद्योग विभाग के अधिकारियों की माने तो शहर में करीब 200 इकाइयां संचालित हैं, जिनको औद्योगिक क्षेत्र सिद्धगुवां में जगह दी जाएगी। इस प्रोजेक्ट पर लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे और जब प्रोजेक्ट तैयार हो जाएगा तो यहां पर 6 से 7 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
फैक्ट फाइल
- 83 एकड़ में विकसित होना है फर्नीचर क्लस्टर
- 200 करोड़ रुपए के लगभग होगा इंवेस्टमेंट
- 200 से ज्यादा इकाइयां क्लस्टर के रूप में लेगीं आकार
- 6 से 7 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
नक्शा स्वीकृत होते ही काम शुरू होगा
फर्नीचर क्लस्टर के लिए विभाग से सिर्फ नक्शा स्वीकृत होना है। जिले से भोपाल फाइल जा चुकी है। जैसे ही यह स्वीकृति मिलती है तो जमीनी स्तर पर सड़क, पानी, बिजली का काम शुरू होगा। – मंदाकिनी पाण्डे, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग