समर्थन मूल्य में उपज बेचने के लिए सोयाबीन की सफाई करनी पड़ेगी और सुखाना पड़ेगा, जिसमें किसानों का समय बर्बाद होगा। साथ ही सोयाबीन का वजन भी घट जाएगा। इसके अलावा उपज समर्थन मूल्य पर बेचने के बाद किसानों को रुपए आने का इंतजार करना पड़ता है। सभी परेशानियों से बचने के लिए किसान मंडी में उपज बेचना उचित समझ रहे हैं।
क्षेत्र मेें धान की बोवनी 3140 हेक्टेयर में हुई है और 119 किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन ज्वार और बाजार बेचने के लिए एक भी पंजीयन नहीं हुआ है। धान का समर्थन मूल्य 2300 रुपए निर्धारित किया गया है।