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2 उपनिरीक्षकों पर जानलेवा हमले के बाद भी आरपीएफ सुस्त, कोयले की चोरी जारी

कोयला चोरों पर कार्रवाई करने के दौरान आरपीएफ के 2 उपनिरीक्षकों पर जानलेवा हमला हुआ। चोरों की गैंग ने उनके हाथ-पैर तोड़ दिए तो वहीं एक एसआई का सिर फटा है। दोनों अस्पताल में भर्ती हैं। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी आरपीएफ का अमला सुस्त पड़ा हुआ है।

सागरJan 21, 2025 / 12:52 pm

Madan Tiwari

कैंट थाना पुलिस ने कुछ आरोपियों को लिया अभिरक्षा में, आज हो सकता है खुलासा

सागर. कोयला चोरों पर कार्रवाई करने के दौरान आरपीएफ के 2 उपनिरीक्षकों पर जानलेवा हमला हुआ। चोरों की गैंग ने उनके हाथ-पैर तोड़ दिए तो वहीं एक एसआई का सिर फटा है। दोनों अस्पताल में भर्ती हैं। इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी आरपीएफ का अमला सुस्त पड़ा हुआ है। घटना के दूसरे दिन सोमवार को यह स्थिति थी कि जहां रविवार को विवाद हुआ था, उससे करीब 300 मीटर दूर कोयला चोर हमेशा की तरह अपने काम में लगे मिले और ट्रैक पर खड़ी मालगाड़ी से कोयला चुराते हुए कैमरे में कैद हुए। वहीं आरपीएफ का स्थानीय अमला बाहर से आए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ दिन भर मीटिंग करता रहा।
सोमवार दोपहर करीब 12.30 बजे पत्रिका टीम कैंट क्षेत्र से होते हुए 26 नंबर रेलवे फाटक पहुंची तो देखा कि वहां पर कोयला लेकर जा रही एक मालगाड़ी खड़ी है। गेट के पास से ही एक व्यक्ति मालगाड़ी पर चढ़ा और उसने कोयला नीचे फेकना शुरू कर दिया। पत्रिका ने इस चोरी के लाइव फोटो अपने कैमरे में कैद किए हैं। चोरी करने वाला कौन था, यह तो पता नहीं, लेकिन दूर-दूर तक आरपीएफ का अमला नजर नहीं आया।

– हर माह 200 क्विंटल से ज्यादा कोयला चोरी

शहर व मकरोनिया से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक के आसपास कोयला चोरी 24 घंटे सक्रिय रहते हैं। इसमें बुजुर्ग व बच्चों से लेकर महिलाएं तक शामिल हैं। एक व्यक्ति मालगाड़ी पर चढ़ता है तो दूसरा बोरी लेकर नीचे खड़ा रहता है। मकरोनिया से लेकर रतौना तक की बात करें तो यहां हर रोज कम से कम 7-8 क्विंटल कोयला चोरी होता है, इस हिसाब से देखें तो आरपीएफ की नजरों के सामने से हर माह 150 से 200 क्विंटल कोयला चोरी हो रहा है। ट्रैक के आसपास बसी बस्तियों में रहने वाले कई लोग तो इसी चोरी के दम अपना परिवार चला रहे हैं। बताया जा रहा है कि चोर इस कोयले को शहर की होटलों और ईंट भट्टा लगाने वालों को सप्लाई करते हैं।

– रविवार को हुई बड़ी वारदात

रविवार दोपहर आरपीएफ उपनिरीक्षक दीपचंद पुत्र करण सिंह व बदन सिंह पुत्र रामधन मीणा ने रेलवे स्टेशन के पास से कुछ लोगों को कोयला चुराते हुए पकड़ा था। आरपीएफ की इस कार्रवाई से नाराज बस्ती वालों ने पहले पथराव किया, इसके बाद जब दोनों एसआई बाइक से शिकायत करने कैंट थाना जाने लगे तो उनका रास्ता रोक हमला कर दिया। वहीं उपद्रवियों ने उनकी बाइक में आग लगा दी थी। वर्दीधारी उपनिरीक्षकों पर हमला करने वालों में स्टेशन के पास स्थित टपरियों की रहने वाली महिलाएं भी शामिल थीं। पुलिस ने टपरिया निवासी बिट्टी उर्फ रेशमा पुत्री सराफत खान 27 साल, कंची उर्फ कंचन पत्नी मुकेश सौर, मुक्कु उर्फ मुकेश पुत्र बसंत सौर 49 साल व राजीव गांधी पार्क के पीछे रहने वाला सेवक नाम सहित 6-7 अन्य पर प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया है।

– कुछ संदिग्ध पकड़े हैं

आरपीएफ उपनिरीक्षकों से मारपीट के मामले में पुलिस ने कुछ संदिग्धों को अभिरक्षा में लिया है। घटना के संबंध में उनसे पूछताछ चल रही है। कुछ आरोपी अभी गिरफ्त से बाहर है, उनकी तलाशी के लिए टीमें भी लगाई हैं।
विजय सिंह राजपूत, थाना प्रभारी, कैंट

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