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डोडा चूरा का मामला: एफआइआर दर्ज करने में विलंब की वजह बताई एफएसएल जांच में देरी, हकीकत- खुद ने ही कर ली जांच

अफीम की तस्करी में रंगे देवरी पुलिस के हाथ, तस्करों से मिलकर माल गायब करने की भी आशंका सागर. डोडा चूरा की तस्करी में देवरी थाना पुलिस घिरती नजर आ रही है। थाना पुलिस ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी मामले में गुमराह करने का प्रयास किया है। आइजी को कार्रवाई में विलंब होने […]

सागरNov 12, 2024 / 08:20 pm

नितिन सदाफल

अफीम की तस्करी में रंगे देवरी पुलिस के हाथ, तस्करों से मिलकर माल गायब करने की भी आशंका

सागर. डोडा चूरा की तस्करी में देवरी थाना पुलिस घिरती नजर आ रही है। थाना पुलिस ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी मामले में गुमराह करने का प्रयास किया है। आइजी को कार्रवाई में विलंब होने का कारण डोडा चूरा की एफएसएल जांच देरी से मिलना बताया गया है, जबकि एफआइआर में थाना पुलिस ने खुद ही जांच करने का उल्लेख किया है। थाना पुलिस की भूमिका को संदिग्ध देखते हुए अब अधिकारी अपने स्तर पर जांच करा रहे हैं।

पुलिस ने ऐसी रचना रची

डोडा चूरा में एफआइआर करने वाले देवरी थाना के उप निरीक्षक निशांत भगत ने पूरी रचना रची है। उन्होंने लिखा है कि 10 नवंबर को मुखबिर से सूचना मिली कि थाना परिसर में खड़ी सफेद रंग की गाड़ी में अवैध मादक पदार्थ डोडा चूरा रखा है। एसडीओपी को पहले फोन पर सूचना देना बताया, इसके बाद रेड कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन लेकर आरक्षक लवकुश को एसडीओपी के पास भेजा, जहां से लौटने पर आरक्षक ने बताया कि एसडीओपी कहीं बाहर ड्यूटी पर रवाना हैं और थाना प्रभारी विवेचना कार्यों में बाहर चले गए हैं। इसके बाद बिना वारंट के ही आगे की कार्रवाई करना एफआइआर में लिखा गया है।

सुबह 7.17 पर एफआइआर

एक्सीडेंटल गाड़ी में मिले डोडा चूरा को लेकर देवरी थाना प्रभारी संधीर चौधरी व उप निरीक्षक निशांत भगत के साथ कुछ अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध है। रविवार की सुबह 7.17 बजे मामले में एफआइआर दर्ज हो चुकी थी, इसके बाद भी शाम साढ़े छह बजे थाना प्रभारी संधीर चौधरी का कहना था कि कुछ मिला है, लेकिन जांच के बाद पता चलेगा कि क्या है? उनका यह बयान अपने आप में इस बात की पुष्टि कर रहा है कि वे चाहते ही नहीं थे कि यह मामला उजागर हो। यही कारण है कि थाना पुलिस मिल-जुलकर 14 दिन तक मामले को दबाए रही।

54.66 किग्रा की जब्ती की

पुलिस ने रविवार को सड़क हादसे में क्षतिग्रस्त वाहन एमपी 20 जेडएम 8755 के चालक कन्हैया ठाकुर के खिलाफ मामला पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है। पुलिस के अनुसार एक्सीडेंटल कार की सीट व डिग्गी में रखी दो बोरियां निकालीं, जिसमें 250-250 ग्राम की पैकिंग के कुल 215 पैकेट निकले। इन पैकेट के ऊपर क्रीमी कोकोनट व टरमरिक लिखा हुआ था, लेकिन जब पैकेट खोलकर चैक किए तो उनमें डोडा चूरा मिला। पुलिस ने एफआइआर में कुल 54.66 किग्रा डोडा चूरा जब्त होने की बात लेख की है।
एफएसएल रिपोर्ट देरी से मिली
डोडा चूरा मामले में एफएसएल रिपोर्ट मिलने में देरी हुई थी, जिसके कारण एफआइआर देरी से हुई। मामले पर वरिष्ठ अधिकारी नजर बनाए हुए हैं। इसमें तस्करी के तार जोड़ने को लेकर जांच की जा रही है।
प्रमोद वर्मा, पुलिस महानिरीक्षक, सागर

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