सुधार कार्य के दौरान बीना-अशोकनगर रेलमार्ग पूरी तरह से बंद रहा। इस दौरान इस ट्रैक से कोई भी ट्रेन नहीं निकाली गई। कार्य पूरा होने के बाद जब टे्रन को आगे बढ़ाया गया, तो उसके बाद ही ट्रैक पर आवागमन शुरू हो पाया।
सुधार कार्य के दौरान यात्रियों द्वारा हंगामा या किसी अन्य अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए तत्काल जीआरपी व आरपीएफ स्टाफ को बुलाया गया, जो सुधार कार्य होने तक मौके पर ही मौजूद रहा।
कुछ दिनों पहले महादेवखेड़ी-सेमरखेड़ी के पास ही एक कोयला से भरी मालगाड़ी के इंजन में अचानक आग लग गई थी, जिसे करीब चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद बुझाया जा सका था। दो माह के अंदर यहां पर यह दूसरा रेल हादसा हुआ है।