खिलौने की बैटरी निगलने से हलक में आ गई थी मासूम की जान
बैटरी के एसिड से होने लगा था आहार नली में छेद, समय रहते हो गया ऑपरेशन
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सागर. छतरपुर निवासी एक 11 माह के बच्चे ने खेल-खेल में खिलौने की बैटरी निगल ली और परिजनों को पता ही नहीं चला। 3 दिन तक सिक्के के आकार की बैटरी आहार नली में पड़ी रही और बैटरी से निकला एसिड आहार नहीं में छेद करने लगा। बच्चे की हालात बिगड़ी तो परिजन बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज लेकर आए जहां डॉक्टर्स की टीम ने जब जांच की डॉक्टर्स हैरान रह गए। आहार नली में फंसी बैटरी से कार्बन निकल रहा था और बच्चे की जान बचाने तत्काल ऑपरेशन की आवश्यकता थी।ईएनटी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिनेश जैन ने बताया कि बच्चे के परिजन शुक्रवार की सुबह करीब 11 बजे गंभीर हालत में उसे बीएमसी लेकर आए थे। परिजनों ने बताया कि बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, खाना भी नहीं खा रहा और बार-बार रो रहा है। ईएनटी विभाग में जब गर्दन का एक्सरे किया गया तो पता चला कि खिलौने में लगने वाली सिक्के के आकार की डिस्क बैटरी आहार नली के ऊपरी हिस्से में अटक गई है। बैटरी से निकला कार्बन आहार नली को नुकसान पहुंचा रहा है। जिसके बाद आपातकालीन एसोफैगोस्कोपी की गई। ईएनटी विभाग की हैड डॉ. रीमा गोस्वामी की देखरेख में डॉ. दिनेश जैन, डॉ. शिवम, डॉ. विकुल, डॉ. श्वेतांक और एनेस्थीसिया से डॉ. प्रीति साहू, डॉ. सोनम, डॉ. सुनैना, डॉ. कृति ने ऑपरेशन कर बैटरी निकाल दी। डॉक्टर्स ने बताया कि यदि एक दिन और बैटरी आहार नली में रहती तो एसिड से आहार नली में छेद हो जाता और बच्चे की जान बचाना मुश्किल हो जाता। डॉक्टर्स की माने तो अब बच्चे की हालत स्थित है। एसिड से आहार नली को जो नुकसान हुआ है उसकी रिकवरी में 15 दिन का समय लग सकता है।
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