स्टाफ मना रहा था दिवाली…
मामले में एक प्रोफेसर को नोटिस दिया गया है जबकि नर्स को निलंबित कर दिया गया है. इसी के साथ 5 डॉक्टरों की ट्रेनिंग पर रोक लगाई गई है. बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में दिवाली की रात यह घटना हुई. यहां के लेबर वार्ड में पटाखे, फुलझड़ी जलाने और प्रसूता की मौत के मामले में बीएमसी प्रबंधन ने बड़ी कार्रवाई की है.
जांच दल की रिपोर्ट के बाद पटाखे जलाने में शामिल स्टाफ नर्स को निलंबित किया गया है। एक पीजी डॉक्टर सहित चार इंटर्न डॉक्टरों को चेतावनी भरा पत्र जारी किया है। साथ ही इनकी ट्रेनिंग पर रोक लगा दी गई है। इन सभी को गायनी विभाग से हटाकर इनके विभाग प्रमुख के अधीन ड्यूटी करने के निर्देश दिए हैं.
ये है मामला: लेबर रूम में भर्ती पूजा आठ्या (26) की मौत प्रसव के चार घंटे बाद हो गई थी। तब गायनी विभाग के स्टाफ का अंसवेदनशील रवैया सामने आया था, जब लेबर वार्ड में पटाखे और फुलझड़ी जलाई थी। दूसरी ओर प्रसूता को इंजेक्शन देने तक कोई नहीं आया था। आरोप है कि नर्सिंग स्टाफ ने आनन-फानन में 30 इंजेक्शन मंगवाए और दो ही लगे। इसके लगते ही पूजा को झटके आने लगे और उसने दम तोड़ दिया।
प्रोफेसर डॉ. शिखा पांडेय से 3 दिन में जवाब मांगा है। बताया जाता है कि प्रसूता की मौत के बाद अधीक्षक कार्यालय में हुई बैठक में वे शामिल नहीं हुई थीं। फोन भी नहीं उठाया था। मामले में उन्होंने स्वत: संज्ञान भी नहीं लिया था।
इधर, हाइट्स कंपनी के महिला गार्ड को हटाने के निर्देश दिए हैं। वीडियो व जांच रिपोर्ट के आधार पर प्रबंधन ने इसे अनुशासनहीनता माना और कार्रवाई की है।