जानकारी के अनुसार 48 वर्ष पूर्व बनाई गई पानी की टंकी में 2 लाख गेलन पानी भरने की क्षमता थी। टंकी जर्जर होने से उसके बाजू से दूसरी नई टंकी बनाई गई और उससे पानी की सप्लाई भी शुरू हो चुकी है, लेकिन जर्जर टंकी आज भी वहीं बनी हुई है, जिससे किसी दिन बड़ा हादसा होने की आशंका है। टंकी की सीढिय़ां टूटने लगी हैं और टंकी के ऊपर की छत भी टूट कर उसके अंदर गिर रही है। इसके बाद भी टंकी को गिराया नहीं जा रहा है। यदि किसी दिन हादसा होता है, तो स्कूली बच्चों की जान भी खतरे में आ सकती है।
वार्डवासियों को भी है खतरा
जर्जर टंकी के आसपास ही मकान बने हुए हैं और वहां रहने वाले लोगों को भी खतरा बना रहता है। वार्डवासी इसे गिराने की मांग भी कर चुके हैं। लोगों का कहना है कि नई टंकी बनने के बाद ही पुरानी टंकी को गिरा दिया जाना था, लेकिन कई वर्ष बीतने के बाद भी इसके गिराया नहीं गया है, जिससे हमेशा खतरा बना रहता है।
जर्जर टंकी के आसपास ही मकान बने हुए हैं और वहां रहने वाले लोगों को भी खतरा बना रहता है। वार्डवासी इसे गिराने की मांग भी कर चुके हैं। लोगों का कहना है कि नई टंकी बनने के बाद ही पुरानी टंकी को गिरा दिया जाना था, लेकिन कई वर्ष बीतने के बाद भी इसके गिराया नहीं गया है, जिससे हमेशा खतरा बना रहता है।
नई टंकी भी स्कूल के पास
पुरानी टंकी जर्जर होने के बाद नई टंकी भी स्कूल के पास ही बना दी गई है। इसकी दूरी स्कूल से कुछ फीट ही है। इस पर लोगों ने आपत्ति भी उठाई थी, लेकिन इस तरफ किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। जबकि इसे दूसरी जगह भी बनाया जा सकता था।
पुरानी टंकी जर्जर होने के बाद नई टंकी भी स्कूल के पास ही बना दी गई है। इसकी दूरी स्कूल से कुछ फीट ही है। इस पर लोगों ने आपत्ति भी उठाई थी, लेकिन इस तरफ किसी भी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। जबकि इसे दूसरी जगह भी बनाया जा सकता था।
टेंडर किया जाएगा पुरानी टंकी गिराने के लिए जल्द ही टेंडर किया जाएगा।
आरपी जगनेरिया, सीएमओ
आरपी जगनेरिया, सीएमओ