बताया जा रहा है कि शनिवार को वेदांती मंदिर के पास कृष्ण कुमार मिश्रा केरबना वालों के मकान की पहली मंजिल की छत ढलाई का काम चल रहा था। देर शाम तक छत की ढलाई का काम चल रहा था, जिसमें करीब दो दर्जन मजदूर काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक छत की सेंटिंग फिसलने से पूरी की पूरी छत भरभराकर गिर गई। इस हादसे में छत के ऊपरी हिस्से पर काम कर रहे मजदूर तो बच गए, लेकिन जो छत के नीचे काम कर रहे थे वो सभी छत के मलबे में दब गए।
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घटना की जानकारी तत्काल ही मोतीनगर पुलिस को दी गई। आनन-फानन में पुलिस और नगर निगम की फायर लारी मौके पर पहुंची। कंक्रीट के मलबे को हाथ से हटाने में पुलिस और दमकल कर्मी नाकाम साबित हुए। जेसीबी मशीन को बुलाया गया, जिसके बाद मकान के मलबे को हटाने का काम शुरू हुआ। मौके पर एसडीएम विजय डेहरिया समेत पुलिस और निगम के अधिकारी देर रात तक मौजूद रहे।
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मजदूर रोहन, अमित अहिरवार, गुलगुल अहिरवार, टीका अहिरवार और अभिषेक को चोंटें आई हैं, जिन्हें कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकालकर इलाज के लिए एंबुलेंस से मेडिकल कालेज की अस्पताल भेजा गया। जहां उनका इलाज जारी है। वहीं मजदूरों से पूछताछ की गई, जिसके बाद उन्होंने एक व्यक्ति कम बताया। मजदूरों ने बताया कि उनके साथ काम कर रहा नवलपुर भोहारा केसली का रहने वाला लाखन आदिवासी हादसे के बाद से नहीं दिखा, जो हादसे से एन पहले सेंटिंग के नीचे खड़ा था। इसके बाद लाखन के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। हालांकि, जानकारी सामने आई है कि देर रात वो मृत अवस्था में मिला है।