रीवा के शहीद हुए सैनिकों के बारे में जानें, हर मोर्चा पर दिखाया है शौर्य
आजादी की क्रांति से लेकर अब तक देश की रक्षा के लिए शहादत दे रहे रीवा के जवान- रीवा जिले से 12 हजार से अधिक सैनिक देश के अलग-अलग हिस्सों में दे रहे सेवाएं
Rewa ke ab tak shaheed sainik,Rewa ke ab tak shaheed sainik
रीवा। देश की आजादी के लिए चाहे अंग्रेजों से क्रांति करने का समय रहा हो या फिर वर्तमान में आजाद भारत में देश की सीमाओं की रक्षा का, हर मोर्चे पर रीवा की माटी में जन्मे वीरों ने अंतिम सांस तक संघर्ष किया है। आजादी के बाद से देश की सुरक्षा में तैनात जवानों ने कभी पीछे कदम नहीं खींचे बल्कि शहीद होने तक मुकाबला किया है। रीवा जिले के वीर सपूतों ने जब भी समय आया है देश के लिए कुर्बानी दी है। अब तक शहीद होने वालों में प्रमुख रूप से एलएन तिवारी, ओझा पुरवा गांव के जो इंडो-चाइना वार में 18 नवंबर 1962 को शहीद हुए थे। इसी तरह इंडो-पाक वार में खड्डा के रामचरण 20 सितंबर 1965 को शहीद हुए। पाकिस्तान के साथ ही 1971 में युद्ध करते हुए पुरवा के रामखेलावन, खैर के जयपाल सिंह शहीद हुए। 1988 के आपरेशन पवन में गाडऱपुरवा के पीके गौतम, 1989 में गाजीपुर(मऊगंज) के बंसतलाल, भगदेवा के आरएन मिश्रा, आपरेशन मेघदूत में 1989 में गहिरा के रामभुवन पटेल, 1990 में मौहरिया के वीपी चतुर्वेदी, 1992 में तोमरपुरवा के अवधेश सिंह तोमर, आपरेशन रक्षक में 1992 में लौआ के सुखेन्द्र सिंह बघेल, आपरेशन सोमालिया में 1994 में देवरी बघेलान के रामलाल पटेल, नैकिन के रामपाल गुप्ता, ऊंची के आरएस जायसवाल, आपरेशन करगिल विजय में 1999 में डेरवा के कालू प्रसाद पाण्डेय, जामू के मेजर कमलेश पाठक, पांती-बरहुला के छोटेलाल सिंह, आपरेशन रक्षक में भेर्रहा खैरहन के चंद्रचूर्ण प्रसाद, 2001 में गुढ़वा के सुभाष त्रिपाठी, 2003 में लभौली के पुष्पराज सिंह, इसी वर्ष अमहिया के आशीष कुमार दुबे, म्यांमार बार्डर पर फरहदी के जितेन्द्र कुमार कुशवाहा, छह नंवबर 2019 को गोंदरी के अखिलेश कुमार पटेल, नौ मार्च 2020 को मझगवां के वीरेन्द्र कुमार कुशवाहा, 16 जून 2020 को फरेंदा(मनिकवार) के दीपक सिंह गहरवार आदि शहीद हुए हैं। इसी तरह अर्धसैनिक बल के भी जवान शहीद होते रहे हैं, जिसमें नायक छोटेलाल लोध, बरहुला पनवार 1999 में, सीआरपीएफ के जवान नारायण सोनकर गंगतीरा, क्योंटी के उमेश शुक्ला सहित अन्य दर्जनों की संख्या में जवान शामिल हैं।
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