आने वाले समय में रीवा जिले को ऊर्जा उत्पादन का हब बनाने की तैयारी है। अभी यहां हाइडल पावर प्लांट की सिरमौर में 315 मेगावॉट की इकाई है। वहीं कई जगह छोटे प्लांट लगाने की योजना चल रही है। सोलर पॉवर प्लांट का गुढ़ तहसील के बदवार पहाड़ में 750 मेगावॉट का प्लांट है। अब जिले में कचरे से भी बिजली उत्पादन की तैयारी है इसके लिए रायपुर कर्चुलियान के पास पहड़िया में छह मेगावॉट का पॉवर प्लांट लगाया जा रहा है। सरकार ने भी कहा है कि यहां सोलर प्लांट सफलतापूर्वक स्थापित है, इस कारण दूसरे स्थानों पर भी नए प्लांट लगाए जाएं।
मऊगंज अनुभाग में नए सिरे से सोलर पावर प्लांट लगाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके लिए 558 हेक्टेयर भूमि की जरूरत बताई गई है। इसमें पूरी भूमि राजस्व विभाग की है। तकनीकी रूप से कोई अड़चन नहीं आए इस कारण अभी राजस्व की भूमि को ही चुना गया है। इसके बाद योजना का विस्तार होगा। कुछ समय पहले ही सीतापुर.मऊगंज क्षेत्र में करीब एक हजार हेक्टेयर भूमि चिह्नित कर नए सोलर पावर प्लांट की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया था। इस क्षेत्र में वनभूमि का भी बड़ा हिस्सा फंस रहा था, इस कारण वन विभाग से एनओसी मांगी गई थी लेकिन विभाग ने वनभूमि देने से इंकार कर दिया था। अब वन भूमि के हिस्से को पहले चरण में अलग रखा गया है। यहां पर प्लांट स्थापित किया जाएगा। बाद में जब उसका विस्तार होगा तो वन विभाग से फिर भूमि मांगी जाएगी।
इसके पहले सिरमौर तहसील के क्योंटी लालगांव के पास 350 मेगावॉट क्षमता के प्लांट लगाने की शुरुआत कर दी गई थी। वह राजस्व और वन विभाग की भूमि थी। कुल रकबा 728.361 हेक्टेयर था जिसमें 17.603 हेक्टेयर वन भूमि भी शामिल थी। प्लांट के लिए 23.067 हेक्टेयर निजी भूमि का अधिग्रहण करना था। वन विभाग ने एनओसी नहीं दी तो भूमि अधिग्रहण भी रोक दिया गया था। इस प्रस्तावित प्लांट के एक हिस्से में 346.873 हेक्टेयर और दूसरे में 358.421 हेक्टेयर में इकाइयां स्थापित करने की तैयारी थी। यह प्रोजेक्ट निरस्त होने के बाद दूसरी जगह तलाशी जा रही है। पर्याप्त भूमि नहीं मिलने से 250 मेगावॉट की इकाई लगाने की तैयारी है।
नए सोलर पावर प्लांट के लिए रीवा जिले में कई स्थानों पर पहले भी भूमि की तलाश की जा चुकी है। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम की प्राथमिकता थी कि उनके क्षेत्र देवतालाब और नईगढ़ी क्षेत्र में भूमि तलाश की जाए और प्लांट स्थापित हो। इसके लिए प्रशासन के साथ कई बार उनकी बैठकें भी हुई। जब दूसरी माकूल जगह नहीं मिली तो मऊगंज के सीतापुर क्षेत्र को चुना गया था और वहां पर भूमि तलाशी जा रही है।
मऊगंज के एसडीएम एपी द्विवेदी के अनुसार सोलर पावर प्लांट के लिए भूमि चिह्नित कर ली गई है। पूर्व में कुछ तकनीकी अड़चनें थी लेकिन अब राजस्व भूमि का हिस्सा आवंटित किया जाएगा। भविष्य में यदि प्लांट का विस्तार होगा तो उसके लिए अलग से प्रक्रिया अपनाई जाएगी।