निजी स्कूलों में आरटीई के तहत आरक्षित २५ फीसदी सीटों पर प्रवेश निजी स्कूल संचालकों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। पूरा एक सत्र बीत जाने के बावजूद स्कूल संचालकों को शासन स्तर से जारी शुल्क प्रतिपूर्ति नहीं मिल सकी है। नोडल अधिकारियों की ओर से प्रस्ताव भेजे जाने में की गई लापरवाही के चलते स्कूल संचालकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
शासन स्तर पर की गई शिकायत के बाद सक्रिय हुए अधिकारियों ने स्थानीय अधिकारियों को प्रस्ताव भेजने का दो दिन का मौका दिया है। विभाग के अधिकारियों की ओर से दी गई इस डेडलाइन के भीतर प्रस्ताव नहीं भेजे जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। बैठक में डीपीसी केपी तिवारी, डाइट प्राचार्य श्याम नारायण शर्मा व बीआरसीसी प्रवेश तिवारी सहित अन्य नोडल अधिकारी के रूप में प्रधानाध्यापक उपस्थित रहे।
शासन से जारी निर्देशों के मद्देनजर स्थानीय शिक्षा अधिकारियों की ओर मंगलवार को डाइट सभागार में नोडल अधिकारियों की बैठक बुलाई गई। जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक व डाइट प्राचार्य की उपस्थिति में आयोजित बैठक में सख्त निर्देश के बावजूद कई नोडल अधिकारी अनुपस्थित रहे। बैठक में एक जहां उपस्थितों को दो दिन के भीतर प्रस्ताव भेजे जाने का निर्देश दिया गया। वहीं अनुपस्थितों पर कार्रवाई का निर्णय लिया गया।
सख्त निर्देशों के बावजूद प्रधानाध्यापक शैल कुमारी, मोहनलाल शुक्ल, हरेकृष्ण चतुर्वेदी, सोहनलाल तिवारी, ब्रिज किशोर तिवारी, लालि प्रसाद प्रजापति, कामता कोल व राकेश पाण्डेय बैठक में अनुपस्थित रहे। इन सबके खिलाफ नोटिस जारी की जा रही है। साथ ही शिवलाल साकेत, सोहन लाल तिवारी व शैल कुमारी के खिलाफ लघु शास्ति की कार्रवाई की जा रही है।