आपको बता दें कि, रीवा के जनपद पंचायत कार्यालय में संजीव पांडेय परियोजना समन्वयक के पद पर पदस्थ हैं, वो पिछले कुछ महीनों से बीमार चल रहे थे। दो महीने पहले ही मुंबई में मेडिकल लीव पर अपने हर्निया का ऑपरेशन कराया था, जिसके बाद उनके द्वारा अपने ही कार्यालय में मेडिकल लीव और बिल पास नहीं किये जा रहे थे। वहीं, कार्यालय से उनकी दो महीने की सैलरी भी रोक दी गई थी।
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ये है मामला
इसपर जब संदीवे पांडेय द्वारा विभाग से मेडिकल लीव अप्रूव करने और इलाज के बिल पास करने के संबंध में बात की गई तो जनपद पंचायत सीईओ विजय लक्ष्मी मरावी और उनके बाबू महेंद्र वर्मा ने उनसे रिश्वत की डिमांड रख दी। इसके बाद से वो लगातार रिश्वत की मांग कर रहे थे। इसपर संजीव पांडेय ने लोकायुक्त पुलिस में शिकायत की। आज लोकायुक्त एसपी गोपाल सिंह धाकड़ ने रिश्वत के मामले में ट्रैपिंग कार्रवाई की।
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दोनों को लोकायुक्त कार्यालय लाई टीम
लोकायुक्त पुलिस द्वारा बुधवार को सीईओ विजय लक्ष्मी मरावी को 5 हजार रुपए और बाबू महेंद्र वर्मा को 15 सौ रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों जनपद पंचायत कार्यालय से गिरफ्तार किया है। अब आगे की कार्रवाई के लिए दोनों घूसखौरों को लोकायुक्त कार्यालय लाया गया है। लोकायुक्त ने दोनों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।