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जवान ने रुंधे गले से पूछा ‘अब कौन सा फर्ज देखूं’
BSF जवान विनोद तिवारी त्रिपुरा में पदस्थ हैं और पत्नी की तबीयत खराब होने की सूचना मिलने के बाद उनका इलाज कराने के लिए छुट्टी लेकर आए थे। जवान विनोद तिवारी ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं जिनमें एक 13 साल का बेटा व एक 8 साल की बेटी है। न जाने अब पत्नी के जाने के बाद कैसे उनका पालन पोषण होगा। आंखों में आंसू लिए जवान ने आगे कहा कि मासूम बच्चों को तो अभी तक ये भी नहीं पता कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं है और उसका अंतिम संस्कार कोविड गाइडलाइन के तहत किया जाना है ऐसे में बच्चे उसका चेहरा भी आखिरी बार नहीं देख पाएं। सिस्टम की लाचारी का शिकार होने के बाद पत्नी को खोने के गम में दुखी जवान विनोद तिवारी जाते जाते एक इतना बड़ा सवाल पूछ गए जिसका जवाब देना बेहद मुश्किल हैं। उन्होंने रोते हुए कहा कि अब वे देश के लिए अपना फर्ज देखें या फिर अपने दो मासूम बच्चों को ?
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हाथ जोड़कर मीडिया का दिया धन्यवाद
पत्नी को खोने का गम लिए जवान विनोद तिवारी ने मदद के लिए मीडिया का शुक्रिया अदा किया। बता दें कि चार दिन पहले जवान विनोद तिवारी बीमार पत्नी को लेकर करीब 10 घंटों तक शहर के अलग अलग अस्पतालों का चक्कर लगाते रहे थे। तब देर शाम मीडिया के सामने अपनी व्यथा बताते हुए भी उनके आंसू छलक आए थे और उनकी स्थिति के बारे में जानकारी मिलने के बाद मीडिया की पहल पर ही उनकी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां इलाज के लिए दौरान चार दिन बाद उनका निधन हो गया।
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