भोपाल। मध्यप्रदेश के रीवा की अवनी चतुर्वेदी भारतीय वायुसेना में पहली महिला फाइटर बन गई है। उनके साथ दो और जांबाज़ लड़कियों ने भारतीय वायुसेना में एक नया इतिहास रच दिया है। अवनी चतुर्वेदी के अलावा बिहार के बेगूसराय की भावना कांत और गुजरात के वडोदरा की मोहना सिंह भी देश का गौरव बढ़ाने में शामिल हैं।
मूल रूप से मध्यप्रदेश के रीवा की रहने वाली अवनी के पिता एग्जीक्यूटिव इंजीनियर हैं। जबकि भाई आर्मी में कैप्टन है। अवनी के चाचा सहित परिवार के कई सदस्य आर्मी के जरिए देशसेवा कर रहे हैं।
इन्हीं वजहों से अवनी को भी ये लाइफ पसंद है। एक इंटरव्यू के दौरान अपने पुराने दिनों को याद करते हुए अवनी ने बताया था कि हर किसी को बचपन में आसमां की तरफ उड़ता प्लेन देखकर ऊपर उड़ने को जी चाहता है। आज उन्हें एयरफोर्स के जरिए ये मौका मिल रहा हैं।
-इंडियन एयरफोर्स में फिलहाल 94 महिला पायलट हैं।
-लेकिन ये पायलट सुखोई, मिराज, जगुआर और मिग जैसे फाइटर जेट्स नहीं उड़ाती हैं।
-अवनी के एयरफोर्स ज्वाइन करते वक़्त उक्त महिलाएं केवल हेलीकॉप्टर और दूसरे विमान ही उड़ा रही थीं।
परिवार से मिला सपोर्ट
अवनी कहती हैं कि फाइटर पायलट बनने का मौका मिला तो परिवार ने काफी सपोर्ट किया। परिवार की ओर से हर कदम पर प्रोत्साहित मिला। जब महिला होकर फ्लाइट उड़ाने की बात आती है तो अवनी कहती है कि ऐसा कुछ भी नहीं है जो महिलाओं के लिए मुश्किल है। इसमें किसी तरह की कोई मसल्स पावर की जरूरत नहीं होती। सबकुछ इस बात पर निर्भर है कि आपका निर्णय कैसा है और फ्लाइंग को लेकर आपमें कितना कौशल है।
महिलाओं को दिया संदेश
इस पायलट ने महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में काम करने को सक्षम हैं। बस खुद को जागरूक रखने के साथ प्रोफेशनली सही साबित करने की कोशिश करनी चाहिए।
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