ये शंख रखना माना जाता है शुभ
शास्त्रों के अनुसार संघ के तीन प्रकार बताए गए हैं दक्षिणावर्ती, मध्यवर्ती और वामावर्ती। माना जाता है कि धन की देवी महालक्ष्मी का शंख वामावर्ती और भगवान विष्णु के हाथ में सुशोभित शंख मध्यवर्ती है। इसलिए घरों में पूजा-पाठ के स्थान पर दक्षिणावर्ती या वामावर्ती शंख का उपयोग करना बेहतर होता है। माना जाता है कि घर में शंखनाद से पितृदोष, रोगों, आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलने के साथ ही इससे धन, आयुष्य और पुत्र प्राप्ति में भी फायदा होता है।
शंख की ध्वनि से इन वास्तु दोषों से मिलती है मुक्ति
धार्मिक और वैज्ञानिक पहलुओं के अतिरिक्त शंख का वास्तु शास्त्र में भी बहुत खास महत्व बताया गया है। घर में पूजा स्थल पर शांत रखने और इसे रोजाना बजाने से कई वास्तु दोषों का निवारण होने की मान्यता है…
1. रिश्तो में तालमेल बढ़ाने के लिए
वास्तु शास्त्र के अनुसार शंख में जल भरकर घर की ईशान दिशा में रखने से आपके घर-परिवार के सदस्यों में आपसी तालमेल और प्रेम में बढ़ोतरी होती है। साथ ही इससे गृह-क्लेश और मन-मुटाव की संभावनाएं भी घटती हैं।
2. कार्य पूर्ण करने के लिए
कई बार आपके आसपास की नकारात्मक ऊर्जा के कारण भी आपके हर काम में बाधा उत्पन्न होने लगती है। ऐसे में वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर के ईशान कोण में रोजाना पूजा के बाद शंख बजाया जाता है तो इससे आपके और आपके घर की नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। जिसे कार्यों में सफलता की संभावना बढ़ सकती है।
3. धन प्राप्ति के लिए
घर के मंदिर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा के बाद दक्षिणावर्ती शंखनाद से ना केवल वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, बल्कि उस घर में माता लक्ष्मी की कृपा द्वारा धन दौलत की कमी नहीं होती है।