सीता नवमी दो कारणों से है खास, इनकी पूजा से विष्णु, महेश भी होंगे प्रसन्न
सीता नवमी इसी महीने 29 अप्रैल को पड़ रही है, इस साल सीता नवमी दो कारणों से विशेष हो गई है। इस दिन व्रत रखकर पूजा से भगवान विष्णु और महेश भी प्रसन्न होंगे तो आइये जानते हैं इसकी दोनों वजह…
Sita Navami 2023: वैशाख शुक्ल नवमी के दिन सीता नवमी (Sita Navami 2023) मनाई जाती है। यह तिथि इस साल 29 अप्रैल को पड़ रही है, इस दिन माता सीता की पूजा की जाती है। मान्यता है इस दिन माता सीता का जन्म हुआ था। मिथिलांचल में सीता नवमी पर्व का बड़ा क्रेज रहता है। सीता नवमी के दिन सीताजी के साथ भगवान राम की पूजा की जाती है।
सीता नवमी तिथिः पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल नवमी तिथि की शुरुआत 28 अप्रैल शाम 4.01 बजे हो रही है, 29 अप्रैल शाम 6.22 बजे संपन्न होगी। इसलिए उदयातिथि में सीता नवमी 29 अप्रैल को मनाएंगे।
सीता नवमी का महत्वः धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माता सीता, विष्णुप्रिया लक्ष्मीजी का ही अवतार हैं, जो भगवान श्रीराम के काम में उनकी मदद के लिए अवतरित हुईं थीं। इसलिए सीता नवमी के दिन पूजा से माता लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है। मान्यता है कि सीता नवमी के दिन व्रत रखकर पूजा करने से दांपत्य जीवन खुशहाल बनता है। संतान सुख भी प्राप्त होता है। माता सीता की आराधना करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के निमित्त व्रत रखती हैं।
इसलिए खास है सीता नवमीः इस साल सीता नवमी खास है, इसकी वजह है कि सीता नवमी के दिन रवि योग बन रहा है, इससे यह तिथि खास बन गई है। इस दिन रवि योग 12.47 बजे से शुरू हो रहा है और 30 अप्रैल सुबह 5.05 बजे तक रहेगा। वहीं इस दिन सुबह 11.12 बजे से दोपहर 12.04 बजे तक रहेगा। इन शुभ मुहूर्त में किया गया हर कार्य सफल होता है।
इसके अलावा सीता नवमी शनिवार के दिन पड़ रही है, यह दिन बजरंगबली की पूजा का भी विशेष दिन है, जिन्हें माता सीता पुत्र के समान मानती हैं। इसका अर्थ है माता-पुत्र की एक साथ पूजा होगी। इस दिन बजरंगबली (11वें रुद्रावतार) के साथ माता सीता की पूजा से भगवान शिव पार्वती, शनिदेव, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं। इसलिए यह दिन विशेष है।