शनि जयंती 2022 का शुभ मुहूर्त:
पंचाग के अनुसार, अमावस्या तिथि की शुरुआत 29 मई, रविवार को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से होगी और अमावस्या तिथि का समापन अगले दिन 30 मई, सोमवार को शाम 04 बजकर 59 मिनट पर होगा।
शनि जयंती पर करें इस तरह पूजा: शनि जयंती के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करके दीपक जलाएं। फिर शनि देव के मंदिर जाकर तेल और फूल अर्पित करें। फिर शनि चालीसा का पाठ करें। इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। साथ ही शास्त्रों में शनि जयंती के दिन दान का भी महत्व बताया गया है। इस दिन किया गया दान बहुत पुण्यदायी माना जाता है।
शनि देव की पूजा के बाद इन मंत्रों का करें जाप:
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः।
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)