scriptSkand Shashthi Vrat: संतान को कष्ट से बचाएगा यह व्रत, नोट कर लें तिथि और मंत्र | Paush Skand ShaShthi 2022 Date tithi puja muhurt | Patrika News
धर्म

Skand Shashthi Vrat: संतान को कष्ट से बचाएगा यह व्रत, नोट कर लें तिथि और मंत्र

स्कंद षष्ठी पूजा 28 दिसंबर को है। इस दिन नियत तिथि पर स्कंद षष्ठी व्रत (skand sashthi vrat) रखा जाएगा। पौष स्कंद षष्ठी व्रत संतान प्राप्ति और संतान को कष्टों से बचाने वाला माना जाता है। पढ़ें स्कंद पूजा मंत्र और पूरी विधि।

Dec 26, 2022 / 11:07 am

shailendra tiwari

skand_puja.jpg

स्कंद षष्ठी पूजा

Skand Shashthi Vrat: हर महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी कही जाती है, इसे कुमार षष्ठी भी कहते हैं । यह तिथि भगवान शंकर के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। स्कंद कार्तिकेय का ही एक नाम है। ये मंगल ग्रह और इस तिथि के स्वामी हैं।
इस दिन माता पार्वती, भगवान शिव और स्कंद की पूजा अर्चना की जाती है। यह व्रत संतान प्राप्ति, संतान के कष्टों को कम करने, उसकी लंबी उम् और उसके सुख के लिए यह व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और उपासक को सुख की प्राप्ति होती है।
ये भी पढ़ेंः Shani Transit 2023: इन राशियों पर बरसेगी शनि की कृपा, बदल जाएगा भाग्य

स्कंद षष्ठी तिथि और मुहूर्तः प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पाण्डेय का कहना है कि पौष स्कंद षष्ठी 2022 तिथि की शुरुआत 27 दिसंबर रात 11.52 बजे से हो रही है, और यह तिथि 28 दिसंबर रात 8.44 बजे संपन्न हो रही है। उदया तिथि के हिसाब से स्कंद षष्ठी 28 दिसंबर को मनाई जाएगी।

स्कंद षष्ठी पूजा विधिः आचार्य प्रदीप के अनुसार स्कंद षष्ठी व्रत के लिए यह विधि अपनानी चाहिए।
1. सबसे पहले सुबह उठकर घर की साफ-सफाई करें।
2. दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर स्नान ध्यान के बाद भगवान के व्रत का संकल्प लें।
3. व्रत रखने वाले दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके भगवान कार्तिकेय की पूजा की तैयारी करें।
4. पूजा के लिए कार्तिकेय के साथ शिव पार्वती की प्रतिमा की स्थापना करें।

5. घी, दही, जल, पुष्प से अर्घ्य देकर कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन, इत्र अर्पित कर पूजा करें।
6. देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव। कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तुते।। मंत्र से कार्तिकेय की स्तुति करें।

ये भी पढ़ेंः जानें मथुरा कृष्ण जन्मभूमि मंदिर का इतिहास, क्या है इससे जुड़ा विवाद

7. मौसमी फल, पुष्प और मेवा अर्पित करें।
8. भगवान कार्तिकेय से पूजा में त्रुटि के लिए क्षमा मांगें और पूरे दिन व्रत रखें।
9. शाम को फिर पूजा करें, भजन, कीर्तन, आरती के बाद फलाहार करें।
10. रात में चारपाई की जगह जमीन पर शयन करें।
https://youtu.be/LSsOklUrbt4

Hindi News / Astrology and Spirituality / Religion News / Skand Shashthi Vrat: संतान को कष्ट से बचाएगा यह व्रत, नोट कर लें तिथि और मंत्र

ट्रेंडिंग वीडियो