हालांकि बिहार झारखंड, ओडिशा, राजस्थान में सावन कृष्ण पक्ष पंचमी को ही नागपंचमी मनाई जाती है और ये तिथि 7 जुलाई को मनाई गई थी। इसलिए देश के इस हिस्से में इसी दिन नागों की पूजा की जाएगी।
नाग पंचमी की परंपरा
नाग पंचमी के दिन देशभर में अनंत, तक्षक, कालिया, शंख, पिंगल आदि नागों की पूजा की जाती है। इस दिन नागों को दूध पिलाने का भी रिवाज है। मान्यता है ऐसा करने से अनंत पुण्यफल की प्राप्ति होती है। नाग पंचमी तक गांवों और शहरों में नागों के पोस्टर और लावा बेचे जाते हैं। इसके साथ ही गांवों में कबड्डी, कुश्ती और अन्य खेल प्रतियोगिताएं आयोजित करने की परंपरा है।
नाग पंचमी की पूजा विधि
1. इस दिन सुबह उठकर स्नान, ध्यान के बाद व्रत का संकल्प लेना चाहिए।
2. एक थाल में हल्दी, रोली, अक्षत, फूल, दीपक और दूध लेकर मंदिर में जाकर या घरों में नागों के पोस्टर या मूर्ति की पूजा कर इन चीजों को अर्पित करें।
3. ध्यान रहे कच्चे दूध में शक्कर मिलाकर ही नाग देवता को चढ़ाएं।
नाग पंचमी के उपायः नाग पंचमी के दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा किसी ब्राह्मण या मंदिर में दान करना शुभ माना जाता है। इस दिन नागों का दर्शन शुभ माना जाता है। नाग पंचमी पूजा से धन धान्य में वृद्धि होती है और सांप काटने का भय नहीं रहता। आइये जानते हैं नागपंचमी के उपाय क्या हैं…
भगवान शिव की कृपाः नाग भगवान शिव के आभूषण हैं, इसलिए इनकी पूजा भगवान शिव को भी प्रसन्न करती है। भगवान शिव की कृपा के लिए नागपंचमी 2023 के दिन चंदन की लकड़ी की 7 मौली शिव मंदिर में चढ़ाएं। इसके अलावा शिवलिंग पर अर्क, पुष्प, धतूरा, फल और दूध चढ़ाएं।
राहु केतु दोष के उपायः यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु केतु संबंधित दोष हैं तो उसे नागपंचमी 2023 के दिन नाग देवता की पूजा करनी चाहिए।
मनोकामना पूर्ति मंत्रः नाग पंचमी के दिन यदि साधक
नागेंद्रहाराय ओम नमः शिवाय
ओम नागदेवतायै नमः या
ओम नागकुलाय विद्महे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात् । मंत्र का जाप करता है तो उसकी सभी मनोकामना पूरी होगी।