ये भी पढ़ेंः दुनियाभर में इस तरह हो रही क्रिसमस की तैयारी, देखें एक नजर प्रभु यीशु के उपदेशः प्रभु यीशु के उपदेश अत्यंत सरल और आत्मिक हैं। प्रभु यीशु ने सीख दी है कि बाहरी दिखावे से अधिक परमेश्वर की आज्ञाकारिता की जरूरत है।
1. बाइबल में प्रभु यीशु के उपदेशों के अनुसार, उन्होंने शिष्यों से कहा कि आपको अपने दिल को परेशान नहीं करना चाहिए। आपको ईश्वर में विश्वार करना चाहिए, आप मुझमें विश्वास करें।
2. यीशु ने सभी को क्षमा की सीख दी, यीशु ने कहा सभी को उद्धार की आवश्यकता है, इसमें अतीत के पाप या वह धनी है या निर्धन, महिला है या पुरुष यह उसकी स्थिति पर कोई असर नहीं डालते, बस उसके लिए प्रायश्चित करना चाहिए।
3. प्रभु यीशु ने लोगों को चोरी न करने, अधिक धन संचय न करने, किसी अपराध में लिप्त न होने और सच्चाई का साथ देने की सीख दी।
5. यीशु ने सेवा का संदेश दिया। धनी लोगों से कहा कि अगर सही और ईश्वर के करीब होना चाहते हो तो अपनी सारी संपत्ति गरीबों में बांट दो। इससे तुम्हें स्वर्ग का खजाना मिल जाएगा।
6. यीशु ने एक दूसरे से प्रेम का भी संदेश दिया है। उन्होंने शिष्यों से कहा था जैसे मैंने तुम लोगों से प्रेम किया, वैसे ही तुम लोग एक दूसरे से प्रेम करो। यहां तक की दुश्मनों से भी प्रेम करो, जो तुम्हें सताते हैं उनसे भी प्रेम करो। इससे तुम उस पिता की संतान बन जाओगे, जो स्वर्ग में है। क्योंकि वह अपने सूर्य की कृपा न्यायी और अन्यायी दोनों पर बरसाता है।
7. मसीह ने परमेश्वर के राज्य में आने के लिए प्रार्थना करने की सीख दी। उन्होंने कहा कि जो सच्चे दिल से परमेश्वर से कुछ मांगता है, वह उसे जरूर मिलता है, जो दरवाजे खटखटाता है उसी के लिए स्वर्ग के द्वार खुलते हैं।
8. प्रमु यीशु ने ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग बताते हुए कहा कि जो उन तक पहुंच गया, वो ईश्वर तक पहुंच गया, क्योंकि वे ही मार्ग हैं , वे सत्य हैं और वे जीवन हैं। कहा कि किसी अन्य से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोई दूसरा आपकी आत्मा को नहीं मार सकता।